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Farmers Protest: 6 मार्च को ‘दिल्ली चलो’, 10 को 'रेल रोको' प्रदर्शन-किसानों की नई रणनीति

Farmers Protest: किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन तेज किया जाएगा और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक जारी रहेगा.

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>Farmers Protest: 6 मार्च को ‘दिल्ली चलो’, 10 को 'रेल रोको' प्रदर्शन-किसानों की नई रणनीति</p></div>
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Farmers Protest: 6 मार्च को ‘दिल्ली चलो’, 10 को 'रेल रोको' प्रदर्शन-किसानों की नई रणनीति

फाइल फोटो

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किसान मार्च (Kisan March) को लेकर आगे की रणनीति पर बात करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा है कि 10 मार्च को वे रेल रोको (Rail Roko) विरोध प्रदर्शन करेंगे.

उन्होंने कहा कि, ''हमारा दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम जस का तस है, हम उससे पीछे नहीं हटे हैं. तय हुआ है कि हम बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ाएंगे. 6 मार्च को किसान पूरे देश से ट्रेन, बस, हवाई मार्ग से (दिल्ली) आएंगे और हम देखेंगे कि सरकार उन्हें वहां बैठने की इजाजत देगी या नहीं. 10 मार्च को हम 12 बजे से देशभर में 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन करेंगे."

"मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन"

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने 3 मार्च को देश भर के किसानों से विरोध प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया है. वहीं उन्होंने 10 मार्च को चार घंटे का देशव्यापी 'रेल रोको' आह्वान भी किया है. 'रेल रोको' विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा.

दोनों किसान नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि किसानों का आंदोलन तेज किया जाएगा और जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेती, तब तक जारी रहेगा.

उन्होंने ये बातें बठिंडा जिले के बलोह गांव में बोली. ये उसी किसान का पैतृक गांव है, जिसकी हाल ही में खनौरी में हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में मौत हो गई थी.

वरिष्ठ किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा, "सरकार कब तक सड़कों को बंद रखेंगी, अंततः उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा." 82 वर्षीय सिरसा ने आगे कहा कि, "क्या ऐसा कुछ है जिसका कोई समाधान नहीं है? जिन मांगों को लेकर हम आंदोलन कर रहे हैं वे पुरानी ही हैं."

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 मार्च को दिल्ली के राम लीला मैदान में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में एक शांतिपूर्ण "किसान महापंचायत" की घोषणा की है. किसान यूनियनों ने कहा कि किसान बसों और ट्रेनों जैसे सार्वजनिक परिवहन में दिल्ली जाएंगे, ट्रैक्टर या ट्रॉली नहीं चलाएंगे. एसकेएम की 2 मार्च को लुधियाना में बैठक हुई थी जिसके बाद ये घोषणा हुई है.

उधर किसानों के जयपुर और दिल्ली कूच पर किसान महापंचायत अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है, "11 मार्च को हम अपने ट्रैक्टरों पर जयपुर तक मार्च करेंगे और मांग करेंगे कि सरकार एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी दें. अगर राजस्थान सरकार इस मांग को पूरा करती है, तो यह अच्छा है, अन्यथा, हम अपना विरोध बढ़ाएंगे और दिल्ली की ओर आगे बढ़ेंगे."

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इसके साथ ही उन्होंने कहा, "अगर हमें पुलिस की ओर से कोई बाधा आती है, तो हमारे पास गांवों को बंद करने की योजना है, केवल आपातकाल जैसे स्थिति में ही किसी को बाहर जाने की अनुमति मिलेगी. जिन लोगों को दूध, अनाज और सब्जियों जैसी आवश्यक चीजों की जरूरत है, वे उन्हें गांव से खरीद सकते हैं."

"किसानों ने नहीं सरकार ने सड़कें बंद की हैं"

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, किसानों के दिल्ली जाने पर रोक लगा दी गई है. केंद्र सरकार ने ही दिल्ली और पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के पास सड़कें ब्लॉक कर दी हैं. हमने सड़कें बंद नहीं की हैं और देश के 140 करोड़ लोगों ने इसे देखा है.

वहां शुक्रवार, 1 मार्च को रेल रोको विरोध प्रदर्शन करने के लिए सिटी रेलवे स्टेशन की ओर मार्च करने पर पुलिस ने किसानों और राज्य उत्पादक संघ के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें रेलवे स्टेशन के एंट्री गेट के पास हिरासत में ले लिया गया. किसान केंद्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

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