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2019 Vs 2014: मोदी शपथ ग्रहण में समय से लेकर मेहमान तक 5 अंतर दिखे

साल 2014 के शपथ ग्रहण में 4 हजार मेहमान हुए थे शामिल, इस बार ये आंकड़ा 8 हजार का था.

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(फोटो: PTI)
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लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. पीएम मोदी और नए कैबिनेट मंत्रियों की शपथ के लिए राष्ट्रपति भवन में 2014 के मुकाबले और भी भव्य आयोजन किया गया. चाहे मेहमानों की संख्या की बात हो या शपथ ग्रहण के समय की 2014 के मुकाबले 2019 का शपथ ग्रहण कई मामलों में अलग था.

2014 से 2019 का शपथ ग्रहण समारोह कितना अलग था, यहां हम आपको पांच बड़े अंतर बता रहे हैं.

1. शपथ ग्रहण में 8 हजार मेहमान हुए शामिल

इस आयोजन में हर क्षेत्र के लोग शामिल हुए फिर चाहे वो फिल्मी सितारें हो या उद्योगपति(फोटो: Reuters)

गुरुवार को हुए पीएम मोदी के शपथग्रहण समारोह के लिए देशभर से 8 हजार लोगों को बुलाया गया था. साल 2014 में हुए शपथ ग्रहण में इसके आधे यानी के 4 हजार मेहमानों को बुलाया गया था.

साल 2014 में शपथ ग्रहण में आए थे 4 हजार मेहमान(फोटो: PTI)

2. पिछली बार 46 तो इस बार 58 मंत्रियों ने ली शपथ

इस बार पीएम मोदी समेत कुल 58 नेताओं ने शपथ ली है. जिसमें 24 कैबिनेट, 24 राज्यमंत्री और 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री बने हैं.(फोटो: PTI)

गुरुवार को हुए शपथ ग्रहण में पिछली बार के मुकाबले 12 ज्यादा मंत्रियों ने शपथ ली है. साल 2014 में हुए शपथ ग्रहण में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं को मिला कर कुल 46 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी, जिसमें 24 कैबिनेट, 12 राज्यमंत्री और 10 स्वतंत्र प्रभार मंत्री बने थे.

साल 2014 में पीएम मोदी समेत 46 मंत्रियों ने लिया था शपथ(फोटो: PTI)

वहीं इस बार पीएम मोदी समेत कुल 58 नेताओं ने शपथ ली है. जिसमें 24 कैबिनेट, 24 राज्यमंत्री औप 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री बने हैं.

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2. मोदी को 2014 में प्रणब और 2019 में कोविंद ने दिलाई शपथ

साल 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे. उस वक्त उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.

साल 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नरेंद्र मोदी को पीएम पद की शपथ दिलाई थी(फोटोः PTI)

2019 में नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं. इस बार उन्हें मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई है.

नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(फोटोः PTI)

4. पिछली बार सार्क और इस बार बिम्सटेक नेता हुए शामिल

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बिम्सटेक नेताओं के साथ पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद(फोटो: PTI)

पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के लिए जो शपथ ग्रहण समारोह हुआ था उसमें दक्षिण एशियाई देशों के समूह ‘सार्क’ के नेताओं को बुलाया गया था. वहीं इस बार बिम्सटेक नेताओं को बुलाया गया था. इस बार जो देश नदाराद रहा वो है पाकिस्तान. पाकिस्तान सार्क देशों का सदस्य होने की वजह से पिछली बार सम्मिलित हुआ था और उस वक्त के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीएम मोदी के शपथ ग्रहण का हिस्सा बने थे.

पीएम मोदी के पहले शपथ ग्रहण के दौरान SAARC नेताओं के साथ भारतीय नेता(फोटो: PTI)
पुलवामा हमले और बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ी तल्खियों के कारण भी ऐसा माना जा रहा है कि पाकिस्तान को न्योता नहीं दिया गया.

इनके अलावा मॉरिशस और किर्गिस्तान के राष्ट्र प्रमुख भी पीएम मोदी के शपथग्रहण का हिस्सा बने.

5. शपथ ग्रहण की टाइमिंग

साल 2014 में हुए शपथ ग्रहण का समय शाम 6 बजे से था, जबकी 2019 वाले शपथ ग्रहण की टाइमिंग शाम 7 बजे से तय की गई थी. वहीं गुरुवार को हुआ शपथ ग्रहण 2 घंटे चला. इस बार शपथ की टाइमिंग बदलने के पीछे दिल्ली में बढ़ती गर्मी को बताया गया है.

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