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इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को फिलहाल सस्पेंड करने का आदेश सुनाया है. साथ ही कोर्ट ने जाधव को काउंसलर एक्सेस देने का आदेश दिया है. बता दें पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे भारत ने बेबुनियाद बताया है.
जाधव को पाकिस्तानी एजेंसियों ने तीन मार्च 2016 को ईरान से अगवा कर लिया था. जहां वह अपने बिजनेस के सिलसिले में गए थे.
पाकिस्तान ने हालांकि दावा किया है कि जाधव को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया और जाधव को 'जासूस' बता दिया. पाकिस्तान ने भारत को इसकी जानकारी जाधव को उठाने के 22 दिनों के बाद 25 मार्च 2016 को एक प्रेस रिलीज से दी थी. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक नियमों का पालन करते हुए उसी दिन जाधव से राजनयिक संपर्क की मांग की लेकिन पाक ने अनुमति नहीं दी.
जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अफसर हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने मार्च 2016 में ईरान से अगवा कर लिया था. पाकिस्तान ने जाधव पर जासूसी और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था. जाधव पर पाकिस्तान में मुकदमा चलाया गया और उन्हें मौत की सजा दी गई.
भारत ने पाकिस्तान से जाधव को कई बार रिहा करने की अपील की. लेकिन पाकिस्तान ने हर बार अपीलों को खारिज कर दिया. इसके बाद भारत ने इस संबंध में वाणिज्य दूतावास संबंधों पर वियना समझौते का खुला उल्लंघन का आरोप लगाते हुए आठ मई 2017 को हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा खटखटाया. जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने 9 मई 2017 को जाधव की फांसी पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी थी.
कुलभूषण जाधव को जासूस कहने के पाकिस्तान के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए भारत ने अदालत में कहा कि जाधव की गिरफ्तारी के बहुत समय बाद तक इसकी जानकारी नहीं दी गई और पाकिस्तान ने आरोपी को भी उसके अधिकार नहीं बताए. भारत ने आईसीजे को बाद में बताया कि पाकिस्तान ने वियना समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत के बार-बार आग्रह करने के बावजूद जाधव को राजनयिक संपर्क उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं दी.
भारत ने आईसीजे से कहा कि उसके जाधव को मौत की सजा दिए जाने की जानकारी एक प्रेस रिलीज से मिली. सीजेआई में अपनी याचिका में भारत ने जाधव को दी गई मौत की सजा को तत्काल रद्द करने और उसे रिहा करने की मांग की. भारत ने जोर देकर कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय कानून और वियना समझौते के नियमों का बेशर्मी से किया गया उल्लंघन है, जिसके तहत कैदी को विशिष्ट सिविल और राजनीतिक अधिकार दिए जाने का प्रावधान है.
भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से कहा है कि वह पाकिस्तान को मिलिट्री कोर्ट को फैसले को रद्द करने का आदेश दे. इसके जवाब में पाकिस्तान ने आईसीजे से कहा कि भारत की याचिका नामंजूर कर दे और भारत के दावे को पूरी तरह खारिज करे.
पाकिस्तान का कहना था कि जाधव बिजनेसमैन नहीं बल्कि जासूस हैं. पाक ने दावा किया है कि उन्हें तोड़फोड़ की गतिविधियों के आरोप में उसकी सेना ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान का दावा है कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुए थे. जबकि भारत का कहना था कि जाधव को ईरान से अगवा करके यहां लाया गया. जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे.
नीदरलैंड्स के हेग स्थित इंटरनेशन कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई आईसीजे के 16 जजों ने की. भारत की तरफ से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव का पक्ष रखा. इन 16 जजों ने नाम इस प्रकार हैं-
18 साल बाद ऐसा हुआ, जब भारत और पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट में आमने-सामने आएं. इसके पहले दोनों देश साल 1999 में नौसेना के विमान मामले को लेकर ICJ पहुंचे थे. भारतीय वायु सेना ने 10 अगस्त 1999 को पाकिस्तानी नौसेना के विमान 'अटलांटिक' को कच्छ इलाके में गिराया था. इस विमान में पाक के 16 नौसैनिक सवार थे. इसके बाद पाकिस्तान ने आईसीजे में यह दावा किया था कि उसके विमान को उसके ही इलाके में मारा गया है. इंटरनेशनल कोर्ट ने पाक के इस दावे को 21 जून 2000 खारिज कर दिया था.
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