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मजदूर अधिकार संगठन एक्टिविस्ट नवदीप कौर ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दाखिल अपनी जमानत याचिका में दावा किया है कि 'उन्हें गिरफ्तारी के समय पुलिस स्टेशन में बहुत बुरी तरह मारा-पीटा गया था.' कौर को पिछले महीने सोनीपत से गिरफ्तार किया गया था.
24 साल की कौर एक दलित मजदूर अधिकार एक्टिविस्ट और मजदूर अधिकार संगठन (MAS) की सदस्य हैं. उन्हें 12 जनवरी को सिंघु बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. नवदीप बॉर्डर पर चल रहे किसान प्रदर्शन का हिस्सा बनने पहुंची थीं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नवदीप कौर ने दावा किया है कि उनका मेडिकल एग्जामिनेशन नहीं कराया गया था, जो कि CrPC के सेक्शन 54 का उल्लंघन है.
कौर के खिलाफ कुंडली इंडस्ट्रियल इलाके में मजदूरों के अधिकारों के लिए प्रदर्शन करने के मामले में तीन केस दर्ज हैं. उन्हें तीन में से दो मामलों में जमानत मिल गई थी और तीसरे केस में उन्हें जमानत का इंतजार है. वो अभी हरियाणा की करनाल जेल में हैं.
हाई कोर्ट ने 22 फरवरी को कौर की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है और अगली तारीख 24 फरवरी की दी थी.
अपनी जमानत याचिका में नवदीप कौर ने कथित तौर पर कहा है कि उन्हें IPC सेक्शन 307 (हत्या की कोशिश) समेत कई धाराओं के तहत गलत तरीके से आरोपी बताया गया है.
कौर दावा करती हैं कि 'उन्हें टारगेट किया गया और फंसाया गया' क्योंकि वो किसान प्रदर्शन के समर्थन में सोनीपत जिले में मजदूरों को जमा करने में सफल रही थीं.
पहले भी कौर की बहन राजवीर ने दावा किया था कि नवदीप को हरियाणा पुलिस ने प्राइवेट पार्ट्स पर मारा था. हालांकि, एसपी जश्नदीप सिंध रंधावा ने इन आरोपों से इनकार करते हुए इन्हें 'निराधार' बताया.
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