Home News India जम्मू-कश्मीर से कितना अलग है नया केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख
जम्मू-कश्मीर से कितना अलग है नया केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख
अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ राज्यसभा में एक और अहम फैसला लिया गया है वो है लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करना.
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लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर नया केंद्र शासित राज्य बनाने की घोषणा की गई है
(फोटो: PTI)
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अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ राज्यसभा में एक और अहम फैसला लिया गया है वो है लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करना. जम्मू-कश्मीर से अलग करने के साथ-साथ लद्दाख को भी एक बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है. वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा रहेगी.
बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश
बता दें कि केंद्र शासित राज्यों में केंद्र सरकार की सलाह पर लेफ्टिनेंट गवर्नर प्रशासनिक काम करते हैं. लेफ्टिनेंट गवर्नर, राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन उनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करती है. लेफ्टिनेंट गवर्नर की जवाबदेही केंद्र सरकार के लिए होती है.
लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित राज्य बनाया गया है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि दिल्ली और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव होते हैं लेकिन वहां की सरकारों का अधिकार क्षेत्र सीमित होता है. लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास प्रशासनिक ताकतें ज्यादा होती हैं. ऐसे ही कुछ केंद्र शासित राज्यों में चुनाव नहीं होते जिनमें दमन-दीव और लक्षद्वीप शामिल हैं. यहां विधानसभा या राज्यसभा के चुनाव भी नहीं होते और केंद्र सरकार के पास ही सभी प्रशासनिक अधिकार होते हैं.
2011 की जनगणना के मुताबिक आबादी
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, लद्दाख की जनसंख्या 2 लाख 74 हजार है. लद्दाख में मुख्य रूप से तीन धर्म के लोग रहते हैं. पहला बौद्ध, दूसरा मुस्लिम और तीसरा ईसाई. लद्दाख की जनसंख्या लेह और कारगिल में बंटी हुई है. लेह में बौद्ध बहुसंख्यक हैं वहीं कारगिल में मुसलमानों की जनसंख्या ज्यादा है. लेह, लद्दाख का सबसे बड़ा जिला है और सभी प्रशासनिक काम यहीं होते हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक लद्दाख में 113 गांव है.
लद्दाख के लोगों का मुख्य काम कृषि है, जिसमें 37.92 फीसदी लोग कृषि से जुड़े हैं और 4.28 फीसदी लोग कृषि क्षेत्र में मजदूर हैं. इसके अलावा लद्दाख के 56 फीसदी लोग टूरिज्म, हैंडीक्राफ्ट जैसे बाकी के क्षेत्रों में हैं.