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लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग, कड़ाके की ठंड में हजारों लोग सड़क पर उतरे

लद्दाख के लोगों का कहना है कि वे केंद्र शासित प्रदेश में एक अंतहीन नौकरशाही शासन के तहत नहीं रह सकते हैं.

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<div class="paragraphs"><p>लेह में हजारों लोग सड़क पर उतर गए हैं</p></div>
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लेह में हजारों लोग सड़क पर उतर गए हैं

(फोटो: ANI /अरहान)

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लद्दाख (Ladakh) में 3 फरवरी को हजारों लोग कड़कड़ाती ठंड में सड़क पर उतर गए. ये प्रदर्शन 4 फरवरी को भी जारी है. पूर्ण राज्य की मांग के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क पर मार्च किया. जिसके कारण लेह-लद्दाख में बंद के हालात हो गए. केंद्र शासित प्रदेश के लिए लोग छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा सहित अन्य मांग कर रहे हैं. यह विरोध प्रदर्शन लेह एपेक्स बॉडी (Leh Apex Body) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (Kargil Democratic Alliance) की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया.

क्या हैं मांगें?

'पूर्ण राज्य' की मांग को लेकर कड़कड़ाती ठंड में हजारों लोगों के विरोध प्रदर्शन के कारण लद्दाख में बंद का असर है. हजारों लोग जमा देने वाली ठंड में लेह के मुख्य शहर में मार्च और नारे लगाते हुए प्रर्दशन में शामिल हुए.

लद्दाख को राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग संसद सीटों की मांग है.

लद्दाख के लोगों ने क्या कहा?

केंद्र ने पहले ही लद्दाख के लोगों की मांगों को संबोधित करने के लिए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है.

लद्दाख के लोगों का कहना है कि वे केंद्र शासित प्रदेश में एक अंतहीन नौकरशाही शासन के तहत नहीं रह सकते हैं. उन्हें पूर्ण राज्य का दर्जा चाहिए, जहां पर शासन करने के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं.

दिसंबर 2023 में, केंद्र ने लद्दाख में अपनी पहली बैठक की और लेह और कारगिल के दोनों निकायों से अपनी मांगें प्रस्तुत करने को कहा था.

राज्य का दर्जा और संवैधानिक गारंटी की मांग

लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश के रूप में मान्यता मिली थी. उससे पहले यह जम्मू कश्मीर का हिस्सा था. धारा 370 के तहत् राज्य में अपनी भूमि, नौकरियों और विशिष्ट पहचान की रक्षा करते थे.

पिछले दो वर्षों में, लद्दाक के लोगों ने अपनी भूमि, नौकरियों और विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए राज्य का दर्जा और संवैधानिक गारंटी की मांग करते हुए कई विरोध प्रदर्शन किए हैं.

सोनम वांगचुक ने किया समर्थन

सोनम वांगचुक, जिनके उपर '3 इडियट' फिल्म बनी है, उन्होंने भी एक वीडियो शेयर करते हुए इस प्रदर्शन का समर्थन किया.
लद्दाख की मन की आखिरी बात 3 फरवरी को लोकतंत्र की बहाली और संविधान की 6वीं अनुसूची के तहत सुरक्षा उपायों के लिए लद्दाख की सबसे बड़ी रैली देखी गई. 20,000 लोग, लेह लद्दाख की वयस्क आबादी का एक चौथाई हिस्सा इकट्ठा हुआ....

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