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गुरुवार, 14 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) हिंसा की जांच के लिए बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) मुख्य आरोपी आशीष मिश्र (Ashish Mishra) को लेकर घटनास्थल पर पहुंची. आशीष के साथ 3 अन्य आरोपियों को भी को घटनास्थल पर ले जाया गया.
भारी सुरक्षा के बीच मुख्य आरोपी आशीष मिश्र के साथ अंकित दास, लतीफ उर्फ काले, और शेखर भारती को घटना वाली जगह पर लाया गया. एसआईटी ने वहां क्राइम सीन रिक्रिएट करने की कोशिश की.
इसके लिए घटनास्थल पर कुछ लोगों को प्रदर्शनकारी बनाकर काले झंडे लेकर खड़ा किया गया, कुचले गए लोगों के पुतले बनाकर सड़क पर खड़ा किया गया. इसके बाद पुतलों के ऊपर से गाड़ियों के काफिले को गुजारा गया.
एसआईटी यह समझने की कोशिश कर रही है कि घटना किन परिस्थितियों में हुई. जांच टीम वारदात की कड़ियां जोड़ने में जुटी है.
सबसे पहले आरोपी शेखर भारती जो घटना के दिन फॉर्च्यूनर चला रहा था, उससे जांच टीम ने पूछताछ की. जहां पर फॉर्च्यूनर जली थी, वहां तक शेखर को ले जाया गया.
फिर उसके बाद अंकित दास को एसआईटी की टीम घटनास्थल पर लेकर गई. अंकित दास ने पूछताछ में कहा कि आशीष मिश्र उस वक्त घटनास्थल पर नहीं थे.
अंकित दास के गनर लतीफ से जांच भी टीम ने पूछताछ की. उसने स्वीकार किया कि वो घटना के वक्त उसी फॉर्च्यूनर मे मौजूद था. उसने फायरिंग की बात भी कबूल की. लतीफ का कहना था कि जब किसानों ने उसके ऊपर हमला किया तब उसने फायरिंग की.
तीनों आरोपियों ने इस घटना के वक्त आशीष की मौजूदगी से इनकार किया. पूरे क्राइम सीन रिक्रिएशन के दौरान मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को पुलिस घटनास्थल पर तो लेकर गई, लेकिन आशीष मिश्रा को कार से नीचे नहीं उतारा.
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को एसयूवी से कुचल दिया गया था. इस घटना और उसके बाद हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है. मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष है.
आशीष को कुछ दिन पहले ही एसआईटी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है. बुधवार को कोर्ट ने आशीष समेत अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
(इनपुट्सः धर्मेंद्र राजपूत)
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