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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चर्चित लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) केस में दूसरी चार्जशीट दायर की गई है. इस मामले में किसानों पर दर्ज किए क्रॉस केस में 1300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है. इसमें कुल सात आरोपियों का नाम शामिल थे, जिसमें से चार के खिलाफ हत्या, आगजनी, तोड़फोड़ और उकसाने समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के ड्राइवर और समर्थकों की पीट-पीटकर हत्या, इसके अलावा वाहनों में तोड़फोड़-आगजनी के मामले में गिरफ्तार 7 आरोपियों में से तीन निर्दोष पाए गए हैं. एसआईटी ने अपनी जांच में 1300 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की.
इसके अलावा रंजीत सिंह, अवतार सिंह और सोनू को जांच में निर्दोष पाया गया है. निर्दोष पाए गए तीनों आरोपियों को जेल से रिहा किया जा सकता है.
मुख्य अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने बताया कि चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट आई हुई है, बाकी जांच जारी है. एफआईआर में दर्ज की गई धारा-436 के तहत आरोप लगाया गया है, बाकी की धाराएं 109 और 302 हैं, जो पहले थीं.
उन्होंने बताया कि तीन लोगों पर हत्या करने का आरोप है, दो लोगों पर 102 और 114 का आरोप है.
पिछले दिनों दायर की गई पहली चार्जशीट में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा, चार से अधिक किसानों और एक पत्रकार का नाम शामिल था.
लखीमपुर में हुई हिंसा के दौरान किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के बाद दो बीजेपी कार्यकर्ताओं और एसयूवी के चालक की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी.
मामले से संबंधित जांच के दौरान पुलिस ने सात किसानों को गिरफ्तार किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन सभी पर हत्या का आरोप लगाया गया है या नहीं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक एक स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल द्वारा अज्ञात किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाने के बाद पुलिस के द्वारा दूसरा मामला दर्ज किया गया था.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में किसानों को टक्कर मारने वाली एसयूवी में से एक व्यक्ति को भागते हुए देखा गया था. केन्द्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा और 12 अन्य आरोपियों को साजिश और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
जनवरी महीने की शुरुआत में, लखीमपुर खीरी मामले की जांच कर रहे स्पेशल इंक्वायरी टीम ने 14 लोगों के खिलाफ एक स्थानीय कोर्ट में 5 हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की गई, जिसमें कहा गया था कि घटना के दौरान आशीष मिश्रा मौके पर था. चार्जशीट में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा प्रदर्शनकारी किसानों और पत्रकार को कुचलने वाली कार में बैठा हुआ था.
जांच कर रही टीम ने कोर्ट को बताया है कि किसानों और पत्रकार की हत्या करने के पीछे एक सुनियोजित साजिश थी, किसी तरह की लापरवाही से घटना नहीं हुई थी.
3 अक्टूबर: तिकुनिया में केंद्रीय मंत्री की महिंद्रा थार से कुचलकर चार किसानों और एक पत्रकार की मौत. भड़की हिंसा में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीटकर हत्या.
7 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट ने घटना का स्वत: लिया संज्ञान, इसी दिन आरोपी आशीष पांडेय व लवकुश को गिरफ्तार किया गया.
13 अक्टूबर: लखनऊ के कारोबारी अंकितदास और उनके गनर लतीफ ने आत्मसमर्पण किया.
15 अक्तूबर: एसआईटी ने अंकित दास के लखनऊ स्थित आवास से असलहे बरामद किए.
18 अक्तूबर: सभासद सुमित जासवाल समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए.
19 अक्टूबर: काफिले में शामिल कार को एसआईटी ने बरामद किया.
23 अक्तूबर: एसआईटी ने आरोपी मोहित, रिंकू और धर्मेंद्र को गिरफ्तार किया.
28 अक्टूबर: डीएम अरविंद चौरसिया को हटाया गया.
09 नवंबर: बैलिस्टर रिपोर्ट में केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष की रायफल से गोली चलने की पुष्टि हुई.
12 नवंबर: एसपी विजय ढुल को हटाया गया.
17 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को जांच सौंपी.
25 नवंबर: जांट टीम लखीमपुर-खीरी पहुंची, तिकुनियां पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया.
29 नवंबर: डीआईजी प्रितिदंर सिंह ने खीरी पहुंचकर जांच शुरू की.
14 दिसंबर: सभी आरोपियों पर हत्या व हत्या की कोशिश की धारा बढ़ाई गई.
20 दिसंबर: मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा समेत 6 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज हुई.
3 जनवरी: स्पेशल जांच टीम ने सीजेएम की अदालत में पांच हजार पन्ने की पहली चार्जशीट दाखिल की.
21 जनवरी: स्पेशल जांच टीम ने 1300 पन्नों की दूसरी चार्जशीट दायर की.
इनपुट क्रेडिट- धर्मेन्द्र राजपूत
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