संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि 21 जनवरी से लखीमपुर खीरी में आंदोलन शुरू किया जाएगा. इस आंदोलन की मुख्य मांग गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और उनकी गिरफ्तारी होगी.
इसके अलावा एसकेएम ने 'किसानों को दिए गए वायदों से सरकार के मुकरने के खिलाफ' 21 जनवरी को राष्ट्रीय ‘विश्वासघात दिवस’ मनाने की भी तैयारी की है.
एसकेएम ने अपने बयान में कहा,
किसानों के साथ इस विश्वासघात का विरोध करने के लिए एसकेएम ने फैसला किया है कि 21 जनवरी को देशभर में विश्वासघात दिवस मनाया जाएगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार 21 जनवरी से पहले हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, तो हम उत्तर प्रदेश के हर गांव में जाकर लोगों को उनकी किसान विरोधी नीतियों के बारे में बताएंगे.
पंजाब चुनाव लड़ने वाले कृषि निकायों पर, एसकेएम ने कहा कि कोई भी नेता जो चुनाव में भाग लेता है या किसी राजनीतिक दल का हिस्सा है, वह मोर्चा का हिस्सा नहीं हो सकता.
किसान नेताओं दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, योगेंद्र यादव और जोगिंदर सिंह उगराहन सहित अन्य ने एक बयान में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इन विधानसभा चुनावों के बाद अप्रैल में इस फैसले की समीक्षा की जाएगी.
गौरतलब है कि अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर हिंसा में मुख्य आरोपी है, जिसमें आठ लोग मारे गए थे.
3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में अजय मिश्रा के बेटे की एसयूवी से किसानों को कुचला गया था. इस दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई थी. इस मामले में गृह राज्य मंत्री का बेटा आशीष मिश्रा 9 अक्टूबर 2021 से जेल में हैं.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश ताकैत ने कृषि संघों की एक बैठक के बाद कहा कि अगर सरकार टेनी को हटाने की हमारी मांग को स्वीकार करने में विफल रहती है, तो हम 21 जनवरी से लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या वाली जगह पर विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने एक बयान में कहा कि लखीमपुर खीरी में हुए इस मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की बेशर्म असंवेदनशीलता और टेनी को हटाने में सरकार की विफलता के विरोध में स्थायी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)