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लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) मामले में यूपी पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वो अपना बयान दर्ज कराने के लिए लखीमपुर खीरी की रिजर्व पुलिस लाइन नहीं पहुंचे. स्थानीय पुलिस ने बताया था कि आशीष मिश्र (Ashish Mishra) के खिलाफ लिखित समन जारी हुए थे और उन्हें 8 अक्टूबर 10 बजे तक क्राइम ब्रांच पहुंचकर अपना लिखित बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था. अब यूपी पुलिस ने फिर समन भेजकर आशीष मिश्र को 9 अक्टूबर को 11 बजे पेश होने को कहा है.
तिकुनिया जहां हिंसा की घटना हुई थी, वहां से नेपाल बॉर्डर मात्र 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि आशीष मिश्र नेपाल भाग चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. आशीष मिश्र के घर वालों का कहना है कि वो अभी लखीमपुर खीरी में ही है और जांच में सहयोग करने को तैयार हैं.
आशीष मिश्र के समन पर न आने से कई सवाल खड़े होते हैं?
क्या देश के गृह राज्यमंत्री अपने बेटे से कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए नहीं कहेंगे?
जब उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था कि समन पर हाजिर होने में क्या दिक्कत है?
क्या समन पर नहीं आना दिखाता है कि उन्हें किसी बात का डर है?
पीड़ित किसानों के परिवारों ने पहली आरोप लगाए थे की आशीष मिश्र के पिता के मंत्री रहने तक उनके रसूख के वजह से आशीष मिश्र के खिलाफ पुलिस कोई कार्यवाई नहीं करेगी. जहां विपक्ष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग कर रहा है, वहीं उनके बेटे आशीष मिश्र का जांच में सहयोग न देना उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकता है.
पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों लवकुश और आशीष पांडे को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि हिरासत में लिए गए दोनों आरोपी आशीष के करीबी सहयोगी हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने हिंसा मामले में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है. मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव करेंगे. न्यायिक आयोग का कार्यालय लखीमपुर खीरी में होगा और इसे दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी.
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