advertisement
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Violence) में हुई हिंसा में नाम सामने आने के बाद केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र उर्फ मोनू भैया के राजनीतिक करियर पर ब्रेक लग गया है. आशीष इस हिंसा के मुख्य आरोपी हैं, आरोप है कि आशीष ने किसानों को अपनी एसयूवी के नीचे कुचल दिया.
पिता के नक्शे कदमों पर चलते हुए, आशीष मिश्र भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले थे. अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आशीष लखीमपुर खीरी की निघासन सीट से बीजेपी के टिकट पर उतरने वाले थे.
स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि आशीष मिश्र की युवाओं में अच्छी पकड़ थी. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी भी जोरों-शोरों से चल रही थी.
किसानों ने आशीष मिश्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. एफआईआर में कहा गया है कि आशीष गाड़ी में मौजूद था और उसने किसानों पर ओपन फायरिंग भी की.
इस हिंसा के बाद से आशीष मिश्र अंडरग्राउंड है. ये भी कहा जा रहा है कि वो नेपाल में छिपे हो सकते हैं.
किसानों ने आशीष मिश्र की गिरफ्तारी की मांग की है और साथ ही कहा है कि अजय मिश्र को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र तेनी ने कहा है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें समन नहीं किया है. तेनी ने एक बार फिर दोहराया है कि लखीमपुर खीरी हादसे के दौरान उनका बेटा गाड़ी में नहीं था. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तेनी ने कहा, "कार पर हमला करने के बाद, ड्राइवर घायल हो गया, कार अपना संतुलन खो बैठी और वहां मौजूद कुछ लोगों के ऊपर दौड़ गई. मैंने उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए."
3 अक्टूबर को लखीमपुर में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घटना को लेकर तमाम विपक्षी पार्टियां राज्य की योगी सरकार पर हमलावर हैं. 4 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत कई लोगों ने लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पहुंचने से पहले ही उन्हें हिरासत में ले लिया.
भूपेश बघेल, शिवपाल यादव, संजय सिंह, सतीश मिश्रा, जयंत चौधरी और चंद्रशेखर आजाद को भी लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया. शहर में 6 अक्टूबर तक RAF और SSB की दो-दो कंपनियों को तैनात किया गया है. साथ ही धारा 144 भी लगाई गई है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)