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यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले में अब पुलिस पूछताछ और गिरफ्तारियों में जुटी है. लेकिन अब पुलिस ने इस मामले में दर्ज दूसरी एफआईआर को लेकर भी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी क्रम में करीब 40 लोगों को पुलिस की स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम की तरफ से नोटिस जारी किया गया. सभी को नोटिस में पूछताछ में शामिल होने और बयान दर्ज करने को कहा गया है.
लखीमपुर हिंसा में पहली एफआईआर बीजेपी नेताओं और केंद्रीय मंत्री के बेटे के खिलाफ दर्ज हुई थी. जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल ने भी एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसमें प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
नोटिस जारी होने के बाद करीब पांच किसान लखीमपुर खीरी में क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे और अपना बयान दर्ज करवाया. बताया जा रहा है कि दूसरी एफआईआर के तहत अब आगे भी कुछ और लोग जांच का हिस्सा बन सकते हैं. बता दें कि इस एफआईआर में ड्राइवर हरिओम और जायसवाल के दोस्त शुभम मिश्रा की लिंचिंग का जिक्र भी किया गया है. साथ ही पुलिस ने भी बताया है कि एफआईआर चार मौतों को लेकर है, जिनमें- हरिओम मिश्रा, शुभम मिश्रा, श्याम सुंदर निशाद और पत्रकार रमन कश्यप शामिल हैं.
इस मामले में दूसरी एफआईआर दर्ज करवाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता सुमित जायसवाल खुद मामले में आरोपी है. यूपी पुलिस ने उसे और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जायसवाल सबसे आगे चल रही महिंद्रा थार के साथ नजर आया था. जिसके बाद पुलिस को उसकी तलाश थी. हालांकि घटना के बाद उसने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी और कई मीडिया चैनलों को इंटरव्यू भी दिया था. जिसके बाद वो अंडरग्राउंड हो गया.
बता दें कि अब तक पहली एफआईआर में कुल 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. जिसमें मुख्य आरोपी और केंद्रीय मंत्री का बेटा अशीष मिश्र भी शामिल है. ये एफआईआर किसानों की मौत को लेकर दर्ज हुई थी, जिसमें करीब 15-20 अज्ञात आरोपियों को भी शामिल किया गया था. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है.
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