advertisement
लक्षद्वीप प्रशासन (Lakshadweep) ने कांग्रेस सांसदों (Congress) के एक दल को द्वीप का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. प्रशासन ने ये कहते हुए अनुमति नहीं दी कि एक पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, ये हिंसक आंदोलन को भड़का सकता है, जो शांत माहौल को बिगाड़ने के लिए नियोजित प्रयास का हिस्सा है. कांग्रेस सांसद हिबी ईडन, टीएन प्रथपन, सीआर राकेश शर्मा ने लक्षद्वीप जाने की अनुमति मांगी थी.
प्रशासन ने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों के लिए कांग्रेस सांसदों की यात्रा निश्चित रूप से "शांतिपूर्ण माहौल को खराब करेगी" और आम जनता, जनजातियों, सार्वजनिक व्यवस्था और केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा के खिलाफ है. प्रशासन ने लोगों के आने से द्वीप में कोविड के मामले बढ़ने की संभावना का भी हवाला दिया.
प्रशासन ने अपने जवाब में कहा, "लक्षद्वीप एक द्वीप होने और पूरी मूल आबादी अनुसूचित जनजाति होने के कारण, शांति सुनिश्चित करना प्रशासन का कर्तव्य है."
जबसे गुजरात के पूर्व गृहमंत्री, पटेल ने प्रशासक के रूप में पदभार ग्रहण किया है, उनके कामकाज की शैली के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. लक्षद्वीप स्टूडेंट एसोसिएशन समेत यहां के कई छात्र संगठन और राजनीतिक दल प्रफुल पटेल की कई नीतियों को ‘जनविरोधी’ और ‘अधिनायकवादी’ बताकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
लक्षद्वीप आने वाले पर्यटकों के लिए कोविड नियमों में ढील को लेकर भी प्रफुल पटेल की आलोचना की गई. उन्होंने बीफ उत्पादों के लाने-ले जाने बिक्री खरीद पर प्रतिबंध की घोषणा, और शराब पर प्रतिबंध हटाया जो लक्षद्वीप के लोगों को पसंद नहीं आया. ट्विटर पर #SAVELAKSHADWEEP नाम से एक सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)