लक्षद्वीप में क्यों मचा है बवाल? 5 कारण 

सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप क्यों लोगों का ध्यान खींच रहा है?

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<div class="paragraphs"><p>केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप क्यों लोगों का ध्यान खींच रहा है?</p></div>
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केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप क्यों लोगों का ध्यान खींच रहा है?

(फोटो: iStock)

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वीडियो एडिटर: पूर्णेंदु प्रीतम

भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप क्यों लोगों का ध्यान खींच रहा है? क्यों #SAVELAKSHADWEEP ट्रेंड कर रहा है? लक्षद्वीप पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत क्यों है? लक्षद्वीप के प्रशास के खिलाफ लोग क्यों मुखर हैं?

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल केखिलाफ लक्षद्वीप में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है. छात्र संगठन, राजनीतिक दल उनकी नीतियों को 'जनविरोधी’, 'सत्तावादी' बताकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बता दें कि करीब 5 महीने में पहले दिसबंर, 2020 में उन्हें इस केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासक नियुक्त किया गया था.

अब #SAVELAKSHADWEEP नाम से एक सोशल मीडिया कैंपेन भी प्रफुल पटेल को वापस बुलाए जाने की मांग को लेकर किया जा रहा है.

केरल के कई राज्यसभा सांसदों ने राष्ट्रपति कोविंद को पत्र लिखकर कहा कि प्रफुल्ल के आदेश- ‘लक्षद्वीप के पारंपरिक जीवन सांस्कृतिक विविधता को नष्ट करने का एक मकसद है’

लेकिन क्या हैं आदेश ? और उनकी अनदेखी क्यों नहीं की जा सकती?

1. नियुक्ति के तुरंत बाद प्रफुल पटेल ने कोविड प्रतिबंध से जुड़ा नियम बदला

पहले

कोच्चि से आने वालों को अनिवार्य रूप से क्वारंटीन किया जाएगा

बदला हुआ नियम

सफर से 48 घंटे पहले निगेटिव RT-PCR टेस्ट वाला कोई भी व्यक्ति यहां आ सकता है

असर

लक्षद्वीप में कोविड के मामले

  • 18 जनवरी 2021 – पहला मामला
  • 25 मई 2021 – 6,832 कुल मामले
  • 26 मई 2021- 2,300 एक्टिव मामले

सांसद इलामाराम करीम, 23 मई को राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहते हैं -

द्वीप के लोगों के मुताबिक, नियमों में इस अनियोजित और अवैज्ञानिक परिवर्तन के कारण कोविड मामलों में बढ़ोतरी हुई.

2. मुस्लिम बहुल केंद्र शासित प्रदेश में बीफ बैन

25 फरवरी 2021- बीफ उत्पादों के लाने-ले जाने बिक्री खरीद पर प्रतिबंध की घोषणा


वास्तविक स्थिति- लक्षद्वीप में 96% आबादी मुस्लिम है


सांसद बिनॉय विश्वम, 23 मई कोराष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहते हैं-

एक गवर्निंग अथॉरिटी के लिए अपने अधिकार क्षेत्र के लोगों की इस तरह घोर अवहेलना करना और उन निर्णयों को जारी रखना स्वीकार नहीं किया जा सकता जो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचाते हैं.
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3. शराब पर प्रतिबंध हटाया गया

मुस्लिम बहुल केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासन ने कथित तौर पर पर्यटन को बढ़ावा देने की आड़ में शराब के लाइसेंस जारी करना शुरू किया

सांसद इलामाराम करीम 23 मई को राष्ट्रपति को लिखे पत्र में राष्ट्रपति को लिखते हैं-

क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ की अनदेखी करते हुए इस निर्णय का उद्देश्य सद्भाव को नष्ट करना और वहां रहने वाले लोगों की धार्मिक मान्यताओं को कुचलना भी है.

4. लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथॉरिटी रेगुलेशन 2021

ड्राफ्ट प्रशासक को द्वीपवासियों को उनकी संपत्ति से हटाने स्थानांतरित करने की शक्ति देता है और संपत्ति को अधिग्रहित, नियंत्रित, प्रबंधन निपटान करने का अधिकार देता है

ड्राफ्ट को लेकर द्वीपवासी काफी नाराज हैं, बड़े पैमाने पर विरोध करने के लिए मजबूर हैं. लगातार इन आदेशों को निरस्त करने की मांग उठ रही है

आप इतने छोटे द्वीप पर रेल की पटरियां कैसे बनाएंगे? आपके पास राष्ट्रीय राजमार्ग कैसे होंगे? कोई गुंजाइश नहीं है, लेकिन जब से पटेल आए हैं तब से वो इस तरह के आदेश जारी कर रहे हैं. अगर ऐसा ही चलता रहा तो लक्षद्वीप की इकोलॉजी नष्ट हो जाएगी.
डॉ मोहम्मद सिद्दीकी, अध्यक्ष, जेडी (यू), लक्षद्वीप

5. गुंडा एक्ट- प्रिवेंशन ऑफ एंटी सोशल एक्टिविटीज एक्ट

भारत में सबसे कम अपराध दर होने के बावजूद, जनवरी 2021 में पटेल द्वारा लक्षद्वीप में लगाए गए गुंडा एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी पब्लिक डिस्क्लोजर के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है

ये देश के संघीय ढांचे के खिलाफ हमला है. हम लोगों को एकजुट करेंगे और बीजेपी के नफरती एजेंडे के खिलाफ लड़ेंगे. प्रशासक बीजेपी के घोर नफरती एजेंडे को पकड़े हुए है और लक्षद्वीप को एक बड़ी जेल में बदल रहे हैं.
सांसद डॉ वी शिवदासन

स्थानीय लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर उनके प्रदेश को और वहां की प्रकृति को नष्ट न किया जाए.

लक्षद्वीप की रहने वालीं अमीना कहती हैं कि- ‘हम ये नए आदेश को सिरे से खारिज करते हैं, ये नहीं होना चाहिए, यहां के लोगों की बात सुनी जानी चाहिए. विकास के नाम पर इस प्रकृति को नष्ट होने से रोकें. हम जैसे रह रहे थे हम वैसे ही रहना चाहते हैं.

कौन हैं पटेल? और क्यों उनकी नियुक्ति ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है?

प्रफुल पटेल पीएम मोदी के करीबी माने जाते रहे हैं. मोदी के सीएम रहते गुजरात के गृह मंत्री के रूप में काम भी कर चुके हैं. दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली के पूर्व प्रशासक रह चुके हैं पटेल.इतना ही नहीं दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन देलकर की आत्महत्या के लिए पटेल पर मामला भी दर्ज है. मोहन देलकर के 15 पेज के सुसाइड नोट में पटेल का नाम शामिल था.

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