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देश की सबसे बड़ी बीमा कपंनी के दूसरे क्वार्टर में 57 हजार करोड़ की चोट लगी है. हुआ ऐसा कि एलआईसी ने जिन कंपनियों के शेयरों में निवेश किया, उनमें से 81 फीसदी कंपनियों के बाजार में भाव गिर गए. एलआईसी अपने बड़े निवेशों और कंपनियों में शेयरधारक होने के लिए भी जानी जाती है.
बता दें, एलआईसी का सबसे ज्यादा निवेश आईटीसी में है, उसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओएनजीसी, एल एंड टी, कोल इंडिया, एनटीपीसी, इंडियन ऑयल और रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक, पहले क्वार्टर के अंत तक शेयर बाजार की लिस्टेड कंपनियों में एलआईसी का निवेश मूल्य 5.43 लाख करोड़ रुपये का था, जो कि अब घटकर 4.86 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. इस तरह एलआईसी को 57 हजार करोड़ का नुकसान हो गया है.
रिजर्व बैंक के मुताबिक, बीते दस सालों में एलआईसी ने सरकारी कंपनियों में अपना निवेश बड़े पैमाने पर बढ़ाया है.
सरकारी कंपनियों में एलआईसी का निवेश आज से दस साल पहले सरकारी कंपनियों में कुल निवेश का 75 फीसदी हुआ करता था. अब एलआईसी के कुल निवेश में से 85 फीसदी सरकारी कंपनियों में होता है.
एलआईसी एक ऐसी कंपनी है जिसके पास देश के लोगों का लाखों करोड़ रुपये हैं. कहा जा रहा है कि केंद्र सिरकार एलआईसी के जरिए अपना विनिवेश का एजेंडा पूरा करने में लगी हुई है. एक तरह से एलआईसी का इस्तेमाल सरकारी कंपनियों के मुक्तिदाता की तरह किया जा रहा है.
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