Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019सैम पित्रोदा के 'विरासत कर' वाले बयान पर विवाद, BJP के आरोप पर क्या बोली कांग्रेस?

सैम पित्रोदा के 'विरासत कर' वाले बयान पर विवाद, BJP के आरोप पर क्या बोली कांग्रेस?

Inheritance tax: सैम पित्रोदा के बयान से कांग्रेस ने तुरंत किनारा कर लिया. वहीं राहुल गांधी ने भी इसपर रिएक्शन दिया है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>सैम पित्रोदा के बयान ने विरासत कर मुद्दे को दी हवा, पीएम ने कसा तंज, कांग्रेस दे रही सफाई </p></div>
i

सैम पित्रोदा के बयान ने विरासत कर मुद्दे को दी हवा, पीएम ने कसा तंज, कांग्रेस दे रही सफाई

फोटो: क्विंट हिंदी

advertisement

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने 'विरासत कर' (Inheritance Tax) पर अपनी टिप्पणी के साथ राजनीतिक खेमे में हंगामा खड़ा कर दिया है. सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) का यह बयान तब आया, जब बीते दिनों राजस्थान की रैली में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विरासत कर लगाने की योजना बना रही है और वह नहीं चाहती कि लोग अपनी कमाई अपने उत्तराधिकारियों को दें. सैम पित्रोदा के बयान से किनारा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि वास्तव में तो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने ही 1985 में संपत्ति शुल्क समाप्त किया था.

सैम पित्रोदा ने 'विरासत कर' को बताया दिलचस्प कानून

सैम पित्रोदा ने 'विरासत कर' का समर्थन किया और अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा,

"धन संचय करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन किस हद तक? मैं आपको बता दूं, अमेरिका में विरासत कर है. तो, चलो मान लेते हैं कि अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है और बाकी 55% सरकार अपने हिस्से में ले लेती है. यह एक दिलचस्प कानून है. यह कानून कहता है कि आपने अपने समय, अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. आप अपने संपत्ति का पूरा हिस्सा नहीं आधा ही जनता को दे रहे हैं और ऐसा करना मुझे उचित लगता है."

उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. पित्रोदा ने कहा, "अगर किसी की संपत्ति 1000 करोड़ रुपये है और वह मर जाता है तो उसके बच्चों को 1000 करोड़ रुपये मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता. इसलिए इस तरह के मुद्दों पर लोगों को बहस और चर्चाएं करनी होगी."

पित्रोदा ने अपने बात का समर्थन करते हुए कहा कि, मुझे नहीं पता कि आखिर में फैसला क्या होगा लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं तो हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल ज्यादा पैसे वालों के हित में.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

PM ने पित्रोदा के बयान के सहारे कांग्रेस पर कसा तंज

पित्रोदा की इस टिप्पणी ने विरासत कर के बहस को और हवा दे दी. पित्रोदा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी के खतरनाक इरादे एक बार फिर सामने आ गए हैं.

छत्तीसगढ़ में आयोजित रैली में, LIC की लोकप्रिय टैगलाइन का इस्तेमाल करते हुए, पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का आदर्श वाक्य है: "कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी."

इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया. अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी सैम पित्रोदा के बयान के बाद पूरी तरह से एक्सपोज हो गई है.

"सैम पित्रोदा के बयान ने पूरे देश के सामने कांग्रेस का मकसद क्लीयर कर दिया है कि निजी संपत्ति का सर्वे कर के, निजी संपत्ति को सरकारी खजाने में डालकर, जो उन्होंने यूपीए सरकार में तय किया था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक और उसमें भी सबसे अधिक मुस्लिमों का है, उस प्रकार से इसका (संपत्ति) बंटवारा करना चाहती है."
अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री

कांग्रेस ने अपने नेता के बयान से किया किनारा

बहस के इस गर्म बाजार के बीच, कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है. पार्टी ने कहा कि विरासत कर पर पित्रोदा के विचार 'व्यक्तिगत' हैं और यह पार्टी के रुख को नहीं दर्शाते हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर कहा,

"पित्रोदा जी उन मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं, जिनके बारे में वह बोलना जरूरी समझते हैं. लोकतंत्र में एक व्यक्ति अपनी बात रखने, चर्चा करने और व्यक्तिगत विचारों को लेकर बहस करने के लिए निश्चित रूप से स्वतंत्र भी होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा जी के विचार हमेशा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पोजीशन को दर्शाते हैं. "

जयराम रमेश ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, कई बार पित्रोदा जी के विचार अलग होते हैं. अब उनकी टिप्पणियों को सनसनीखेज बनाकर दूसरे संदर्भ में पेश किया जा रहा है. ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दुर्भावना और नफरत से भरे चुनाव अभियान से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर किया जा रहा है; जो सिर्फ और सिर्फ झूठ पर आधारित है.

जयराम रमेश ने पार्टी का पक्ष रखते हुए लिखा, विरासत कर लागू करने की कांग्रेस की कोई योजना नहीं है. दरअसल, राजीव गांधी ने तो 1985 में एस्टेट ड्यूटी को खत्म कर दिया था.

 "मैंने नहीं कहा" राहुल क्या बोले?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में पार्टी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पित्रोदा के बयान पर कहा, "मैंने अभी तक यह नहीं कहा है कि हम कार्रवाई करेंगे... मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि आइए जानें कि कितना अन्याय हुआ है"

सैम पित्रोदा बोले- मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया 

विवाद बढ़ने पर सैम पित्रोदा ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

" ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैंने जो निजी तौर पर अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स पर कहा उसे पीएम मोदी की ओर से कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर फैलाए जा रहे झूठ से ध्यान भटकाने के लिए गोदी मीडिया ने इस तरह तोड़-मरोड़ कर पेश कर दिया. पीएम के मंगलसूत्र और सोना छीनने वाला बयान स्पष्ट तौर पर वास्तविक नहीं हैं."

पित्रोदा ने ट्वीट कर लिखा, "किसने कहा कि 55 फीसदी संपत्ति छीन ली जाएगी? किसने कहा कि ऐसा कुछ भी भारत में किया जाएगा? बीजेपी और मीडिया इतना घबराई हुई क्यों है?

उन्होंने आगे कहा "मैंने अपनी बातचीत में अमेरिका के इनहेरिटेंस टैक्स का उदाहरण अमेरिका के लिए ही दिया था. क्या मैं तथ्य नहीं बता सकता? इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है."

क्या है विरासत कर ?

यह एक ऐसा कर है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर विरासत में मिली संपत्ति पर लगाया जाता है. टैक्स फाउंडेशन के अनुसार, कराधान, संपत्ति और विरासत कर मोटे तौर पर समान हैं क्योंकि दोनों आम तौर पर मृत्यु से ट्रिगर होते हैं.

अमेरिका में विरासत कर पर कोई संघीय कानून नहीं है. हालांकि, कई राज्य दो तरह के कर लगाते हैं: विरासत कर और संपत्ति कर. संपत्ति कर मृत व्यक्ति की संपत्ति के कुल मूल्य पर लगाया जाता है, जबकि विरासत कर उन व्यक्तियों पर लगाया जाता है, जो संपत्ति से कोई पूंजी या प्रॉपर्टी अपने नाम करते हैं.

यहां लगभग 12 राज्यों ने संपत्ति कर लगाया हुआ है. जबकि छह राज्य - आयोवा, केंटकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिल्वेनिया - विरासत कर लागू करते हैं.

आपको बता दें, इनमें से आयोवा 2025 तक विरासत कर को समाप्त कर देगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT