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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में तमिल नाडु (Tamil Nadu Voter Turnout) में कुल 72.09% वोटिंग हुई है. 19 अप्रैल को पहले चरण में राज्य की सभी 39 सीटों पर वोट डाले गए. राज्य में कई जगहों पर लोगों ने वोटिंग का बहिष्कार किया, कुछ जगहों पर ईवीएम को लेकर समस्या दिखी तो कहीं हिंसा भी देखने को मिली.
तमिल नाडु में इस बार तीन पार्टियां एक दूसरे को टक्कर दे रहीं हैं. बीजेपी अकेले लड़ रही है. डीएमके एक बार फिर अधिकतर सीटें जीतने की कोशिश में है और पिछले चुनाव में बड़ी हार का सामना करने वाली AIADMK को वापसी की उम्मीद है.
वहीं मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बीजेपी को लेकर हर तरफ चल रही चर्चाओं को प्रचार के रूप में खारिज कर दिया है. उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में भारी मतदान इस बात का संकेत है कि बीजेपी की सीटें बढ़ने वाली हैं.
19 अप्रैल को सुबह 9 बजे तक पूरे तमिल नाडु में 12.55% वोटिंग हुई, वहीं सुबह 11 बजे कुल 24.37% मतदान हो चुका था. इसके बात वोटिंग ने रफ्तार पकड़ी और 1 बजे तक 40.05% मतदान हुआ. वहीं 3 बजे तक कुल 51.4% मतदान हुआ. 5 बजे तक 63.20% मतदान हुआ.
2024 लोकसभा चुनाव के लिए तमिल नाडु में कुल 72.09% मतदान हुआ है.
चुनाव आयोग के अनुसार, 2019 में तमिल नाडु में कुल 72.46% मतदान हुआ था.
और 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 73.70% मतदान हुआ था.
तमिल नाडु के सीएम एमके स्टालिन
तमिल नाडु बीजेपी के प्रमुख के अन्नामलाई
तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल और बीजेपी नेता तमिलिसाई सुंदरराजन
एक्टर अजित कुमार
तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन
कमल हासन
रजनीकांत
थूथुकुडी लोकसभा क्षेत्र के पोट्टालूरानी गांव में हिंसा भड़क गई. लोग चुनाव का विरोध कर रहे थे जिनपर पर कथित तौर पर हथियारों से लैस गुंडों ने हमला कर दिया. वहीं लोगों का विरोध वापस हो इसके लिए उन्हें मनाने आई पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है.
द हिंदू के अनुसार, तमिल नाडु की हॉट सीट नीलगिरी में मुथोराई पलाडा के बायगामुंड में ईवीएम में खराबी आ गई और मतदान में 45 मिनट की देरी हुई है. वहीं पोलाची में एक बूथ और वालपराई में एक अन्य बूथ पर भी ईवीएम में खराबी की सूचना मिली है.
वहीं कन्याकुमारी से बीजेपी उम्मीदवार पोन राधाकृष्णन ने नागरकोइल में एसएलबी सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के बाद कहा कि कन्याकुमारी निर्वाचन क्षेत्र में संभावित बूथ कैप्चरिंग की आशंकाएं हैं. राधाकृष्णन मौजूदा सांसद विजय वसंत के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्हें कांग्रेस ने एक बार फिर मैदान में उतारा है, और एनटीके ने मारिया जेनिफर क्लारा माइकल को टिकट दिया है.
कृष्णागिरी टाउन पुलिस ने 18 अप्रैल की रात शहर के किला क्षेत्र में मतदान से पहले कथित तौर पर मतदाता पर्चियां इकट्ठा करने और मतदाताओं को पैसे देने के आरोप में डीएमके कार्यकर्ता और AIADMK कार्यकर्ता के खिलाफ FIR फाइल की है.
एकानापुरम गांव में तनाव की स्थिति देखने को मिली है. दरअसल एकानापुरम गांव परांदुर ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के विरोध में लोकसभा चुनाव का बिहिष्कार कर रहा है, इसी बीच एक सरकारी अधिकारी ने गांव वालों पर वोटिंग का दबाव डाला इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हो गई.
धर्मपुरी संसदीय क्षेत्र के ज्योतिहल्ली गांव के कम से कम 1,427 मतदाताओं ने बेंगलुरु-सलेम रेलवे लाइन पर एक रेलवे पुल बनाने की 40 साल पुरानी मांग के कारण मतदान का बहिष्कार किया.
थूथुकुडी संसदीय क्षेत्र के ओट्टापिडारम विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पोट्टालुरानी के निवासियों ने चुनाव का बहिष्कार किया है क्योंकि एक फिश प्रोसेसिंग यूनिट से धुआं निकलता है जिसे कई सालों से बंद कराने की मांग की जा रही है जो अब तक पूरी नहीं हुई है.
पुदुक्कोट्टई के दलित बाहुल्य गांव वेंगईवायल और इरियूर गांव में सुबह 9.30 बजे तक एक भी व्यक्ति ने अपना वोट नहीं डाला. द हिंदू के मुताबिक, गांव में दलित निवासियों ने विरोध में काला मुखौटा बांधा और तख्तियां भी पकड़ रखी थीं, जिसपर लिखा था कि, "हमारे पास मानव मल है और आपके पास वोट. लाशों को वोट क्यों दें? हम जो मानव मल में मिला पानी पीते हैं वो आपको वोट नहीं देंगे. हम वोट क्यों दें?"
डिंडीगुल में मतदान का बहिष्कार किया गया. सड़क, पेयजल और स्कूल सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीण डिंडीगुल जिले के नाथम के पास सीरगमपट्टी गांव में चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं और उन्होंने धरना भी दिया.
कुड्डालोर लोकसभा क्षेत्र में वृद्धाचलम के पास काचीपेरुमनाथम और मुधनई में मतदान केंद्र भी वीरान दिखे क्योंकि दोनों गांवों से एक भी मतदाता सुबह से मतदान करने के लिए बाहर नहीं निकला. दोनों गांवों के निवासियों ने अलग पंचायत की मांग की है. हालांकि बाद में, अधिकारी मुधनई के मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मनाने में कामयाब रहे. वहीं काचीपेरुमनाथम के मतदाताओं को भी मानाने का प्रयास किया गया.
सलेम में दो वरिष्ठ नागरिकों की मौत की सूचना मिली. एक जिनकी उम्र 65 साल की थी वे वोट देने के लिए लाइन में खड़े थे और अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे, अचानक वे बेहोश हो कर गिर पड़े, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
दूसरा मामला 77 वर्षीय का है जो वोट डालने अंदर गई और गिर पड़ी, बताया जा रहा है कि इनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है.
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