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लंदन की कोर्ट ने गुरुवार को कथित सट्टेबाज संजीव चावला की प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील खारिज कर दी. अब मैच फिक्सिंग के आरोपों का सामना करने वाले संजीव को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है.
चावला साल 2000 के क्रिकेट मैच फिक्सिंग आरोपों से जुड़े मामले में भारत में वांटेड है. वो भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ब्रिटेन में कानूनी लड़ाई लड़ रहा था, जिसमें उसने कहा कि उसे मानवीय आधार पर भारत नहीं भेजा जाना चाहिए. ब्रिटेन सरकार ने पिछले साल उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके खिलाफ उसने अपील करने की अनुमति मांगी थी.
लंदन स्थित रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज डेविड बीन और क्लाइव लेविस सुनवाई के दौरान इस फैसले पर पहुंचे कि कथित सट्टेबाज को अपील की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत ब्रिटेन से चावला को 28 दिन के भीतर भारत प्रत्यर्पित किए जाने संबंधी आदेश को औपचारिक रूप से प्रमाणित कर दिए जाने की उम्मीद है. चावला के वकील ने यह साबित करने की कोशिश की थी कि उनके मुवक्किल को ब्रिटेन के गृहमंत्री को हस्ताक्षर के लिए भेजे गए जिला न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ अपील करने का वैधानिक अधिकार है.
भारतीय अधिकारियों की ओर से चावला के इस तर्क को ब्रिटेन की राज अभियोजन सेवा (CPS) ने इस आधार पर चुनौती दी कि यह समूचे मामले को फिर से खोलने का 'छद्म प्रयास' है.
चावला के वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को दिल्ली की तिहाड़ जेल में अन्याय और हिंसा का गंभीर जोखिम है जहां उसे मुकदमे से पहले रखा जाएगा. इस संबंध में उन्होंने ताजा कागजात पेश किए. उन्होंने पुलिस हिरासत में चावला के साथ हिंसा की आशंका भी जताई.
बाद में लंदन की कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि अपील के लिए मामले को फिर से खोलने के लिए कोई ठोस वजह सामने नहीं आई. जेल की स्थिति पर भारत सरकार का दिया गया आश्वासन बरकरार है.
बता दें, साल 2000 के क्रिकेट मैच फिक्सिंग के मामले में संजीव चावला एक मुख्य आरोपी है. इस मामले में दक्षिण अफ्रीका की टीम के पूर्व कैप्टन हैंसी क्रोनिये का भी नाम था जिनकी एक विमान हादसे में मौत हो गई थी.
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