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भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये लेकर विदेश भागने वाले कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर फिर एक बार सुनवाई होगी. ब्रिटेन की अदालत माल्या के प्रत्यर्पण मामले में अहम फैसला सुना सकती है. विजय माल्या ने माल्या ने ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद के उसके प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर करने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की इजाजत मांगी है.
अब भारतीय एजेंसियों की नजर ब्रिटेन कोर्ट के फैसले पर है. अगर फैसला माल्या के खिलाफ आता है, तो यह भारत के लिए बड़ी कामयाबी होगी. लेकिन अगर माल्या को दोबारा अपील करने की इजाजत मिलती है तो मामला एक बार फिर लटक सकता है. कोर्ट के फैसले से माल्या को कुछ और महीने तक का वक्त मिल सकता है. इसीलिए भारतीय एजेंसियों के लिए यह एक बड़ा फैसला हो सकता है. पहले ही भारत की तरफ से माल्या के प्रत्यर्पण के लिए सभी जरूरी दस्तावेज कोर्ट को सौंप दिए गए हैं.
इससे पहले विजय माल्या ने बॉम्बे हाई कोर्ट से कहा कि स्पेशल कोर्ट से उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करना और उसकी संपत्ति को कुर्क करने की अनुमति देना आर्थिक रूप से मृत्युदंड देने जैसा है. माल्या ने कहा था,
भारतीय एजेंसियां लगातार भारत से करोड़ों का बैंक घोटाला कर विदेश भागे लोगों पर शिकंजा कस रही हैं. माल्या के अलावा मेहुल चोकसी और नीरव मोदी जैसे कारोबारियों पर भी लगातार शिंकजा कसता दिख रहा है. हाल ही में एंटीगुआ सरकार ने मेहुल चोकसी की नागरिकता वापस लेने की बात कही थी. वहीं पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और उनकी बहन पूर्वी मोदी के स्विस बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं. दोनों के चार बैंक खातों को सीज किया गया है.
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