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हिंदू लड़की की मर्जी से शादी, फिर भी मेवात में तनाव,करीब हैं चुनाव

हाल के दिनों में बीजेपी में शामिल हुए मेवात को विधायकों के खिलाफ पार्टी के ही नेता उठा रहे हैं सवाल

ऐश्वर्या एस अय्यर
भारत
Updated:
नूंह से विधायक जाकिर हुसैन, फिरोजफुर झिरका के विधायक नसीम अहमद और पुन्हना के विधायक रहीस खान पिछले कुछ महीनों में बीजेपी में शामिल हुए हैं.
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नूंह से विधायक जाकिर हुसैन, फिरोजफुर झिरका के विधायक नसीम अहमद और पुन्हना के विधायक रहीस खान पिछले कुछ महीनों में बीजेपी में शामिल हुए हैं.
(फोटो: The Quint)

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हरियाणा के मेवात में शादी के एक मामले के कारण बवाल मचा हुआ है. बीती 17 मई को एक हिंदू लड़की और एक मुस्लिम लड़के ने शादी कर ली, लेकिन इसके बाद स्थानीय लोगों और लड़की के परिवार वालो ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला बताते हुए प्रदर्शन किए और सड़कें जाम की. करीब 10 दिन तक इलाके में महापंचायतें हुईं.

हालांकि 20 अगस्त को लड़की का एक वीडियो सामने आया जिसमें 19 साल की नेहा ने कहा कि उसने अपनी मर्जी से अकील (32 साल) से शादी की है. इसके बावजूद पुलिस अपहरण के मामले में जांच कर रही है. फिरोजपुर झिरका में लड़के गांव के लोग डरे हुए हैं.

लेकिन इस घटना के बाद से हरियाणा बीजेपी में भी फूट दिख रही है. बीजेपी के कई नेताओं ने सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर, मेवात में अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के अल्पसंख्यक वोट बैंक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है.

नूंह से विधायक जाकिर हुसैन, फिरोजफुर झिरका के विधायक नसीम अहमद और पुन्हना के विधायक रहीस खान पिछले कुछ महीनों में बीजेपी में शामिल हुए हैं.

ये नेहा का घर है. नेहा के परिवार ने द क्विंट से बात करने से इंकार कर दिया. यहीं से कुछ दूर लड़के का गांव है(Photo: Aishwarya S Iyer/The Quint)

द क्विंट ने मेवात जाकर हालात का जायजा लिया और जाना कैसे इस तरह के माहौल में नेता सांप्रदायिक मुद्दों को हवा दे रहे हैं.

हिंदू क्रांति दल की महापंचायत

इस मुद्दे को लेकर 23-25 अगस्त के बीच कई महापंचायतें इलाके में हुई हैं. ऐसी ही एक महापंचायत हिंदू क्रांति दल की हुई जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता भी शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि इसमें 1000 से ज्यादा लोग शामिल हुए, लेकिन कोई भी मुस्लिम नहीं था.

सलीम नाम के एक शख्स ने बताया कि उसे महापंचायत में जाने नहीं दिया गया क्योंकि उसके लिए जय श्री राम बोलना जरूरी था और सलीम ने नारे नहीं लगाए.

“महापंचायत में जाने के लिए जय श्री राम का नारा लगाना जरूरी है और माथे पर तिलक भी लगाना होगा.”
सलीम, स्थानीय
इलाके में कई हिंदू महापंचायतें हुई हैं.(Photo: Aishwarya S Iyer/The Quint)

हिंदू क्रांति दल तो इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी दखल देने की मांग कर रहा है.

इस महापंचायत में बीजेपी के गुरुग्राम प्रभारी कुलभूषण भारद्वाज समेत करणी सेना और विश्व हिंदू परिषद के लोग भी शामिल हुए.

इतना ही नहीं इलाके की मुस्लिम आबादी को ये अल्टीमेटम दिया है कि 24 घंटे में उनकी बेटी को वापस किया जाए. उसके बाद बाकी के मसलों पर बात होगी. हालांकि ये मसले क्या हैं, इस पर करणी सेना के सदस्य राणा का कहना है-

“हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. जिहादियों के पास लड़की वापस करने के लिए 24 घंटे का वक्त है. उसके बाद हम गो हत्या,धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे बाकी मसलों पर बात करेंगे. 70 साल से ये मुद्दे इस इलाके में रहे हैं.”

वहीं एक कार्यकर्ता ये भी कहता है कि अगर तीन तलाक के लिए कानून बन सकता है तो महिलाओं के जबरन धर्मांतरण के खिलाफ भी एक कानून बनना चाहिए.

हालांकि यहां पर ये बात ध्यान रखनी जरूरी है कि नेहा ने अपने वीडियो में कहा भी कि उसने धर्म परिवर्तन नहीं किया और उसका पति उसे इस्लाम के पालन के लिए जोर नहीं डालता.

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बीजेपी में ही टकराव, मुस्लिम विधायक कारण

गुरुग्राम बीजेपी के प्रबारी कुलभूषण भारद्वाज(Photo Courtesy: Facebook/Kulbhushan Bhardwaj)

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक तीनों नए मुस्लिम विधायकों के खिलाफ पार्टी के भीतर विरोध है. द क्विंट से बात करते हुए बीजेपी के गुरुग्राम प्रभारी भारद्वाज ने कहा-

“तीनों के तीनों एमएलए दलाल हैं. वो न्याय के लिए खड़े नहीं होते और सांप्रदायिक राजनीति करते हैं. हिंदुओं के खिलाफ कुछ गलत होता है तो आवाज नहीं उठाते.”

एक पार्टी कार्यकर्ता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा-

“तीनों विधायकों के मुस्लिम सपोर्ट आधार को नुकसान पहुंचाने के लिए ये मुद्दा उठाया जा रहा है. ये ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि वो तीनों दोबारा न जीत सकें.”

मेवात में बीजेपी को कभी भी अच्छा सपोर्ट नहीं मिल पाया है. लोकसभा चुनाव में भी गुरुग्राम से बीजेपी प्रत्याशी की जीत के बावजूद मेवात की तीन विधानसभाओं में कांग्रेस उम्मीदवार ने बीजेपी उम्मीदवार पर बड़ी बढ़त हासिल की थी.

लड़के के गांव में दहशत

अकील के गांव में तनाव का माहौल है. लड़की के परिवार ने लड़के के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया है. इसके कारण पुलिस का गांव में लगातार दौरे होते रहते हैं.

“वो लोग कहते हैं कि लड़की को किडनैप किया है. पुलिस यहां आती रहती है. हमने क्या किया है? हमसे सवाल करते हैं और बुरा बर्ताव करते हैं. हमें अपने जानवरों और ट्रैक्टर को लेकर डर सताता है. उन्होंने बाइक और किचन का सामान तोड़ दिया.”
इरफान
अकील के गांव के ग्रामीण(Photo: Aishwarya S Iyer/The Quint)

डर ऐसा है कि रात में गांव वाले पुलिस से बचने के लिए जंगल में कई किलोमीटर अंदर तक चले जाते हैं.

“कोई चिल्लाता है कि पुलिस आई है तो हम सब अपना घर छोड़कर जंगल में चले जाते हैं. जब तक पुलिस वापस नहीं जाती हम लोग वहीं रहते हैं.”<i></i>
सामिया*, ग्रामीण

अकील और नेहा की शादी के बाद से 9 लोगों का वो परिवार अपना घर छोड़कर गायब है. उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है.

मुस्लिम समुदाय की आपात बैठक

10 दिनों तक जारी तनाव के बाद मुस्लिम समुदाय के करीब 100 लोगों ने बैठक कर चर्चा की कि आगे क्या करना है.

मोहम्मद इब्राहिम शांति सभा में हिस्सा लेने आए थे.(Photo: Aishwarya S Iyer/The Quint)
“जब वो कहते है कि वो लव जिहाद और गो हत्या के मुद्दे पर कुछ करना चाहते हैं, तो हमें डर लगता है कि कि वो आने वाले चुनाव से पहले कुछ बड़ी योजना बना रहे हैं.”<i></i>
रमजान चौधरी, ऑल इंडिया मेवाती समाज के प्रमुख

हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ज्यादातर मुस्लिमों का मानना है कि प्रशासन खुद हिंदू संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है.

फिरोजपुर झिरका के एक वकील मोहम्मद इब्राहिम कहते हैं, - “कई सीनियर पुलिस अधिकारी महापंचायत के वक्त मौजूद थे. उन्होंने क्यों ऐसे भड़काऊ भाषण चलने दिए. पिछले 10 दिनों में एक बार भी प्रशासन ने उन्हें रोका नही है.”

निसार अहमद लगातार भड़काए जाने से गुस्से में है(Photo: Aishwarya S Iyer/The Quint)
“हरियाणाऔर राजस्थान के पास के जिलों से बस में भरकर लोग धरने के लिए आए और जब भी मुस्लिम इलाके से जाते तो जय श्रीराम के नारे लगाते.”
इब्राहिम

पुन्हना के एक किसान निसार अहमद कहते हैं कि वो इमली वाली मस्जिद के बाहर रुककर जय श्रीराम के नारे लगाते रहे. निसार कहते हैं कि ये भड़काना नहीं है तो फिर क्या है.

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Published: 29 Aug 2019,11:49 PM IST

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