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मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के सतना में 7 साल बाद भी किसानों को उनका मुआवजा न मिला, तो 3 किसान फांसी का फंदा लेकर पिथौरावाद गांव में बिजली के टावर पर चढ़ कर अनशन कर रहे हैं. उचेहरा तहसील क्षेत्र में पावर ग्रिड ने 2015 में पहले टावर खड़े कर हाईटेंशन लाइन खीची थी.उस समय किसानों ने मुआवजे की मांग उठाई थी.कुछ को मुआवजा दिया गया जबकि कुछ आश्वासन के भरोसे रह गए. तब से अब तक समय-समय पर किसान अपनी जमीनों और फसलों के मुआवजे की मांग उठाते रहे हैं
मंगलवार 15 मार्च को उचेहरा के गांव पिथौराबाद के 3 किसान गांव में खड़े पावर ग्रिड की हाईटेंशन लाइन के टावर पर चढ़ गए. किसान कमलभान उरमलिया,विद्दाधर द्विवेदी और रामनाथ कोल ने टावर पर चढ़ कर एक बार फिर मुआवजे की मांग उठाई.किसान अपने साथ फांसी का फंदा भी टावर पर ले गए हैं.
रामनाथ नाम के किसान ने बताया कि जब कलेक्टर ने आदेश दिया था,तो एसडीएम ने हमारे कागजों को फेल कर हमें अपने ऑफिस से 'फटकार' लगा कर भगा दिया.और एसडीएम ने कहा था कि तुम्हार खाता नहीं देखा जाएगा और ना ही तुम्हें मुआवजा दिया जाएगा. रामनाथ ने बताया कि एसडीएम ने मुझे इस दौरान जेल में बंद करने की धमकी भी दी.
किसानों का कहना है कि खेत से खींची गई लाइन और खड़े किए टॉवरों के एवज में क्षतिपूर्ति राशि की मांग के लिए उन्होंने एसडीएम और फिर कलेक्टर कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किए थे.उनके आवेदनों पर विचारण और सुनवाई के बाद दोनों ही न्यायालयों ने क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान का आदेश पारित किया था,लेकिन मुआवजा भुगतान अभी तक नहीं दिया गया
किसानों का आरोप है कि अधिकारी भी आदेश जारी कर अपने ही आदेश का पालन कराना भूल गए.अब निराश हो कर उन्हें फांसी का फंदा लेकर टावर पर चढ़ना पड़ा है.जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिल जाता तब तक वे नीचे नहीं उतरेंगे.उनकी मांग है कि 12 लाख रूपये टावर के और 3 हजार रूपये प्रति रनिंग मीटर की दर पर तार बिछाए जाने के एवज में क्षतिपूर्ति उन्हें मिलनी चाहिए
इनपुट-इज़हार हसन खान
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