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MP: इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रिंसिपल ने कहा-'अंग्रेजी में बोलें', पुलिस ने दर्ज किया FIR

Guna School Controversy: स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ BNS की धारा 196 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मोहन कुमार
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>MP: इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रिंसिपल ने कहा-'अंग्रेजी में बोलें', पुलिस ने दर्ज किया FIR</p></div>
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MP: इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रिंसिपल ने कहा-'अंग्रेजी में बोलें', पुलिस ने दर्ज किया FIR

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता की शिकायत पर एक स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ FIR दर्ज हुआ है. FIR के मुताबिक, प्रिंसिपल पर धार्मिक भावना आहत करने और सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगा है.

दरअसल, मामला बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़- गुना (Guna) के वंदना कॉन्वेंट स्कूल का है. जहां प्रिंसिपल पर कथित तौर पर प्रार्थना सभा में एक छात्र को संस्कृत का श्लोक पढ़ने से रोकने का आरोप लगा है. मामले में ABVP कार्यकर्ताओं ने स्कूल के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

FIR में क्या है?

22 जुलाई को ABVP कार्यकर्ता सक्षम दुबे की शिकायत पर गुना कोतवाली में FIR दर्ज हुई. FIR के मुताबिक ये मामला 15 जुलाई का है.

FIR में शिकायतकर्ता ने कहा है कि "स्कूल के असेंबली कार्यक्रम के दौरान छात्र ने हिंदू संस्कृति के अनुसार संस्कृत श्लोक- 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' से अपने स्पीच की शुरुआत की. इतने में स्कूल की प्राचार्या सिस्टर कैथरीन ने नाराज होकर बच्चे से माइक छीन लिया और उसे स्पीच देने से रोक दिया."

इसके साथ ही FIR में कहा गया है कि "प्राचार्या सिस्टर कैथरीन ने बच्चे से बोला कि ये सब शायरी यहां नहीं चलेगी. इंग्लिश में बोलो."

शिकायतकर्ता ने कहा है, "सिस्टर कैथरीन द्वारा गीता के श्लोक को शायरी बोलने से हमारे हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंची है और विद्यार्थियों को भी मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है."

FIR की कॉपी

(क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

स्कूल की प्रिंसिपल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सौहार्द खराब करने के लिए हानिकारक कार्य करना) और 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत FIR दर्ज की गई है.

"छात्रों से मिली घटना की जानकारी"

क्विंट हिंदी ने शिकायतकर्ता सक्षम दुबे से बात की और उनसे पूछा कि उन्हें इस पूरे मामले की जानकारी कैसे मिली तो उन्होंने बताया कि स्कूल के कुछ छात्र उनके पास आए थे.

"छात्रों के सामने की घटना थी. स्पीच चल रही थी, माइक छुड़ाया गया और श्लोक को शायरी बोला गया- ये सब घटना बच्चों ने हमें बताई है."

स्कूल की वेबसाइट के मुताबिक, गुना में 1974 में वंदना स्कूल की स्थापना हुई थी. इस साल स्कूल की स्थापना के 50 साल पूरे हो गए हैं. वंदना कॉन्वेंट स्कूल की स्थापना सेंट एलिजाबेथ (CSSE) की सिस्टर्स द्वारा की गई थी. फरवरी 1998 से स्कूल केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध है और इसका प्रबंधन सेंट एलिजाबेथ सिसटर्स की सोसायटी द्वारा किया जाता है.
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"प्रिंसिपल ने मामले को किया डायवर्ट"

22 जुलाई को ABVP कार्यकर्ताओं ने स्कूल में विरोध प्रदर्शन किया. ABVP कार्यकर्ता स्कूल का मेन गेट फांदकर अंदर आ घुसे और नारेबाजी की. इस दौरान वे प्रिंसिपल से माफी की मांग करते रहे.

क्विंट हिंदी से बातचीत में ABVP गुना के जिला संयोजक पीयूष मिश्रा ने कहा, "कुछ स्थानीय छात्रों ने हमें घटना के बारे में बताया था. स्कूल की प्रिंसिपल ने पूरी घटना को डायवर्ट कर दिया है. वो कह रही हैं कि उस दिन अंग्रेजी में भाषण देने का दिन था. जबकि बच्चे की स्पीच इंग्लिश में ही थी. बस शुरू में भगवद गीता के श्लोक थे. पूरी स्पीच इंग्लिश में ही थी."

इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैडम को न हिंदी आती है और न ही कोई दूसरी भाषा. उनको बस इंग्लिश आती है. उन्हें श्लोक और शायरी में अंतर समझ नहीं आया. मैडम बोलती हैं कि यहां पर शायरी मत बोलिए."

"थाने में हमने धार्मिक भावनाओं को आहत करने की शिकायत दर्ज करवाई है. क्योंकि इस तरह के काम से हमें ठेस पहुंची है. भले ही आपका इरादा कुछ भी हो, लेकिन आपने जो किया है वह गलत है. हम ये काम नहीं होने देंगे. स्कूल में आज आपने रोका है. बच्चों पर क्या असर पड़ेगा."

स्कूल के अधिकारी ने माइक छीनने की बात से किया इनकार

ABVP के आरोपों पर स्कूल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा, "बच्चे ने संस्कृत के श्लोक से अपनी स्पीच की शुरुआत की थी, ये सच है. लेकिन उन्हें पहले ही बताया गया था कि उस दिन अंग्रेजी में पूरा भाषण देना है. उन्हें इसके बारे में पहले ही बताया जा चुका था. भाषण अंग्रेजी और हिंदी में ही होती है, संस्कृत में कभी नहीं होता."

इसके साथ ही उन्होंने कहा,

"बस इतना ही मुद्दा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ. न तो माइक छीनने वाली कोई बात हुई और न ही उनको कहीं से निकालने वाली बात हुई है."

प्रिंसिपल द्वारा संस्कृत के श्लोक को शायरी कहने के आरोपों पर स्कूल के अधिकारी ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है और इस पूरे मामले को अलग-अलग तरीके से पेश किया जा रहा है.

वहीं, जिला संयोजक पीयूष मिश्रा कहते हैं, "हमें हिंदी-इंग्लिश में बोलने से कोई आपत्ति नहीं है. सारी भाषाएं अच्छी हैं. बात इतनी है कि जब संस्कृत में श्लोक बोले जा रहे थे तो आप उसे रोकते नहीं. बाकि स्पीच तो इंग्लिश में ही थी."

क्विंट हिंदी से बातचीत में गुना कोतवाली के TI अनुप भार्गव ने कहा कि "इस मामले में छात्र का बयान नहीं हो पाया है. उसके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी."

जानकारी के मुताबिक, स्कूल की प्रिंसिपल कैथरीन वटोली फिलहाल छुट्टी पर हैं. क्विंट ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की है. इस मामले में उनकी प्रतिक्रिया आने पर कॉपी अपडेट की जाएगी.

"गलतफहमी हो गई है"- DEO

डीएम ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को मामले की जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद DEO ने प्रिंसिपल और बच्चों के बयान दर्ज किए हैं.

प्रिंसिपल ने DEO सिसोदिया को बताया है कि स्कूल ने प्रार्थना सभा में हिंदी और अंग्रेजी में भाषण के लिए दिन निर्धारित किए हुए हैं. छात्र निर्धारित भाषा में गीता, कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और बाइबिल जैसे विभिन्न धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं.

क्विंट हिंदी से बातचीत में जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया ने बताया कि,

"बच्चों ने कुछ श्लोक बोला था. श्लोक का अर्थ हिंदी में बोला तो मैडम ने उन्हें केवल इंग्लिश में ट्रांसलेट करने को कहा था. मैडम ने हिंदी की जगह अंग्रेजी में बोलने के लिए कहा, जिससे की अंग्रेजी भाषी बच्चों को भी समझ में आए. इसको उन्होंने (ABVP) मुद्दा बना दिया कि हिंदी बोलने से रोका गया और अंग्रेजी बोलने के लिए कहा गया. इसको लेकर थोड़ी गलतफहमी हो गई. बाकि कोई ऐसा मुद्दा नहीं है."

वहीं स्कूल के अधिकारी ने दावा करते हुए बताया कि "कई पत्रकारों ने मामले से जुड़े छात्रों के माता-पिता के बारे में पूछा था. हमने भी छात्रों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इस मामले में किसी से भी बात करने से मना कर दिया."

इसके साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा, "प्रशासन की एक टीम आई थी, जिन्होंने छात्रों से बात की. छात्रों ने पूछताछ के दौरान स्कूल के खिलाफ कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की है."

(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)

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