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शनिवार, 19 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 550 टन क्षमता के गोबर-धन बायो-सीएनजी प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन किया. वेस्ट टू वेल्द इनोवेशन कॉन्सेप्ट पर आधारित इस प्लान्ट को गोवर्धन प्लांट का नाम दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमने बजट में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है कि कोयले से चलने वाले पॉवर-प्लांट में भी पराली का उपयोग किया जाएगा, जिससे न केवल किसानों की परेशानी खत्म होगी, बल्कि उनकी अतिरिक्त आय भी सुनिश्चित होगी.
एक अधिकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के देवगुराडिया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर स्थित 550 टन प्रतिदिन की क्षमता वाला यह बायो-सीएनजी प्लांट एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट है.
गोबर-धन प्लांट में 550 टन अलग किए गए गीले जैविक कचरे का उपचार करने और प्रति दिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी और 100 टन जैविक खाद का उत्पादन करने की क्षमता है.
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश भर के शहरों में दशकों से लाखों टन कचरा हजारों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया है, जिससे वायु और जल प्रदूषण होता है. यह जो बीमारियों के फैलने का एक प्रमुख कारण भी है. इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस मुद्दे पर ध्यान दिया जा रहा है.
उद्घाटन समारोह में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भाग लिया.
प्रधान मंत्री कार्यालय के मुताबिक नगरपालिका ठोस कचरा आधारित गोबर-धन प्लांट, स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत "कचरा मुक्त शहर" बनाने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण के मुताबिक है.
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