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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी से आई एक 'उल्टी' तस्वीर ने देश भर में हंगामा मचा दिया है. सीधी के कोतवाली थाने की एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें 8 लोग अर्धनग्न अवस्था (Semi Nude) में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. इसे मानवाधिकारों के उल्लंघन का एक बड़ा मामला बताया जा रहा है. लोकल लेवल पर पत्रकारों पर क्या बीत रही है, उसकी नजीर बताई जा रही है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने इस बारे में गृह मंत्रालय से दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की गुजारिश की है. इस केस से जुड़े कई सवाल हैं जो अनसुलझे हैं.
क्विंट ने फोटो में दिख रहे कनिष्क तिवारी, और नीरज कुंदेर के भाई शिवा कुंदेर की मदद से सभी लोगों की पहचान की है.
फोटो में बाएं से दाएं खड़े लोग हैं---
1 कनिष्क तिवारी - पत्रकार
2 आशीष सोनी- व्यापारी
3 शिवा कुंदेर रंग कर्मी
4 सुनील चौधरीजेड सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी
5 उज्ज्वल - व्यापारी
6 रोशनी प्रसाद - रंगकर्मी
7 फिरोज़ खान - ड्राइवर
8 आदित्य सिंह - कैमरामैन
इन लोगों का कहना है कि वो सिर्फ नीरज कुंदेर की गिरफ्तारी की जानकारी लेने गए थे लेकिन पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की और उनको अर्धनग्न अवस्था में रखा और बेइज्जती करने के लिए फोटो भी वायरल कर दी.
क्विंट से बातचीत के दौरान कनिष्क ने बताया कि ये तस्वीर 2 अप्रैल की है और सीधी के कोतवाली थाने के अंदर ली गई थी.
"मैं सीधी का रहवासी हूं और एक पत्रकार हूं. 2 अप्रैल को कोतवाली पुलिस ने सीधी के एक रंगकर्मी नीरज कुंदेर को फर्जी आईडी बनाकर सीधी विधायक के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आधार पर गिरफ्तार किया और उनको जेल भेज दिया. इस बात का पता जब उनके घरवालों और शुभचिंतकों को लगा तो वो लोग जानकारी लेने के लिए थाने पहुंचे, जहां पर मैं भी इस खबर को कवर करने पहुंचा. कोतवाली पुलिस ने जो लोग नीरज कुंदेर के बारे में जानकारी लेने पहुंचे थे उनके साथ मुझे भी गिरफ्तार कर लिया और थाने में ले जाकर मारपीट की."
"क्योंकि मैं लोकल बघेली भाषा में अपना एक न्यूज चैनल यूट्यूब पर चलता हूं जिसमे समय समय पर सीधी विधायक और पुलिस की कारवाई के बारे में भी खबर चलाता हूं इसलिए मेरे साथ विधायक के दबाव के चलते ऐसा किया गया. साथ ही जो रंगकर्मी नीरज के समर्थक पहुंचे थे उनको भी कपड़े उतरवाकर हवालात में रखा गया."
फोटो के वायरल होने के बाद जिले के एसपी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने फोटो की पुष्टि करते हुए कहा कि , "पकड़े गए लोग पत्रकार नहीं थे, एक यूट्यूब चैनल चलाते थे और उपद्रव करने के चलते पहले हिरासत में लिया गया था और फिर इंडियन पीनल कोड की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया था"
नीरज कुंदेर, सीधी जिले के रंगकर्मी हैं और सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला और उनके परिवार के खिलाफ कथित तौर पर सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में उनको 2 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
विधायक के पुत्र गुरुदत्त शरण शुक्ला ने 5 जनवरी 2022 को कोतवाली थाने में सोशल मीडिया पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की शिकायत दर्ज कराई थी.
क्विंट से नीरज ने कहा कि पहले विधायक और उनके अच्छे संबंध थे लेकिन ऑडिटोरियम की मांग के चलते रिश्ते खराब हुए और जिसके बाद विधायक की तरफ से उनपर सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणियां करवाई गईं और एक फर्जी मामले में उन्हें फंसाया गया.
नीरज आगे बताते हैं कि -''इसके बाद मुझे सोशल मीडिया पर टारगेट किया जाने लगा. इन लोगों ने इनकम टैक्स से ले कर हर तरह से फंसाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ गलत किया होगा तब तो फंसाएंगे. 2 अप्रैल पुलिस आई और मुझे यह कहकर कि तुम फर्जी आईडी चलाते हो मुझे जेल में डाल दिया। 151 की धारा के तहत भेजा और 4 दिन जेल में रखा. तहसीलदार पर दबाव बनाया गया कि जमानत नहीं मिलनी चाहिए. "
हालांकि सीधी विधायक के पुत्र गुरुदत्त शरण शुक्ला जिन्होंने फर्जी आईडी को लेकर शिकायत की थी उन्होंने दबाव बनाने के आरोप को झूठा बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने आम नागरिक होने के हक के तहत शिकायत की थी और कानून अपना कर रहा रहा है.
मामले में जब कोटवाली प्रभारी मनोज सोनी से पत्रकारों ने बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि पकड़े गए लोगों को अंडरवियर में इसलिए रखा ताकि वो लोग फांसी न लगा लें.
घटना के सामने आने के बाद कल 7 अप्रैल को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संज्ञान लिया और उसके बाद सीधी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज सोनी और एसएचओ अभिषेक सिंह को लाइन हाजिर किया गया.
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