advertisement
राम नवमी (Ram Navmi) के दिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) जिले में हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने हिंसा वाेल क्षेत्र में बुलडोजर द्वारा कुछ घरों और दुकानों को गिराने का ऑपरेशन शुरू किया है.
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि जिस-जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को पत्थर का ढेर बनाएंगे. इसी के बाद पुलिस ने कहा कि हिंसा को लेकर राज्य की जीरो टॉलरेंस पालिसी है.
सूत्रों ने क्विंट को बताया कि रविवार को जब राम नवमी के मौके पर यात्रा निकाली जा रही थी, तो तथाकथित रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उस यात्रा में बज रहे गानों पर आपत्ति जताई जिसके बाद विवाद और बढ़ गया और फिर पत्थरबाजी शुरू हो गई. अब तक इस मामले में 77 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, "मैं ये चीज साफ कर दूं कि जिस-जिस घर से पत्थर आए हैं, उस घर को पत्थर का ढेर बनाएंगे."
खरगोन के जनसंपर्क अधिकारी ने भी ट्विटर पर इस तोड़फोड़ का एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह अभियान रविवार की हिंसा के दौरान हुए वित्तीय नुकसान की प्रतिक्रिया में था जिससे संपत्ति का नुकसान हुआ था.
मध्य प्रदेश में फिलहाल ऐसा कोई कानून लागू नहीं है, जो ये कहता है कि दंगे में शामिल लोग या वो लोग जिन्होंने सड़कों पर उतर कर संपत्ति (सार्वजनिक या निजी) का नुकसान किया हो उनका घर गिरा दिया जाए.
किसी आरोपी व्यक्ति के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई तभी की जा सकती है, अदालत में वो दोषी पाया जाएगा. साथ ही कार्रवाई के रूप में जेल या फिर जुर्माना ही लगाया जा सकता है. उसकी संपत्ति को नष्ट करने का कोई प्रावधान नहीं होता. भारतीय कानून के तहत इसकी बिल्कुल अनुमति नहीं है.
द क्विंट से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक वकील शादान फरासत ने कहा, “पत्थरबाजी की बात तो छोड़िए, अगर इससे भी गंभीर अपराध हो तो उसके लिए भी अधिकारी घरों या दुकानों को नष्ट नहीं कर सकते.”
मध्य प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2021 में उत्तर प्रदेश की तरह एक कानून पारित किया था, जिसके तहत सार्वजनिक और निजी संपत्ति (चाहे दंगों या विरोध प्रदर्शनों के दौरान) को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों को इस तरह के नुकसान के मुआवजे का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा जा सकता है.
हालांकि, यह कानून ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति की कुर्की की अनुमति देता है जब यह पता चले कि वह व्यक्ति संपत्ति के नुकसान में शामिल था.
तो केवल एक ही परिस्थिति में किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को तोड़ा जा सकता है अगर कोई अवैध निर्माण होता है, जैसे अगर कोई किसी अन्य व्यक्ति की भूमि पर अतिक्रमण कर ले या फिर इमारत बनाने के नियमों का उल्लंघन किया हो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined