Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019खरगोन हिंसा: जिनके बुलडोजर से घर गिराए गए, उन्होंने गौशाला में पनाह ली

खरगोन हिंसा: जिनके बुलडोजर से घर गिराए गए, उन्होंने गौशाला में पनाह ली

शहजाद खान जिनका घर तोड़ा गया उनकी पत्नि रोशनी ने कहा रात 9 बजे तक हमें कहीं रहने को जगह नहीं मिली,

विष्णुकांत तिवारी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>खरगोन में पथराव के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई</p></div>
i

खरगोन में पथराव के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई

(फोटो-स्नैपशॉट)

advertisement

वीडियो प्रोड्यूसर- अपर्णा सिंह

वीडियो एडिटर- राजबीर सिंह

रामनवमी (Ramnavmi) में रविवार को खरगोन (Khargone) में सांप्रदायिक झड़पों के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई की. सोमवार, 12 अप्रैल को आरोप लगाकर कईयों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया. जिनके घर गिराए गए उनमें से 4 परिवारों ने गौशाला में शरण ली.

शहजाद खान, जिनका घर प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया, उन्होंने क्विंट को बताया, "हम तब से यहां रह रहे हैं जब से हमारा घर गिरा दिया गया. आस-पास के लोग हमें खाना मुहैया कराते हैं और पड़ोसी भी हमारी मदद कर रहे हैं."

प्रशासन ने 16 घरों और 29 दुकानों को तोड़ दिया जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोगों के थे. प्रशासन ने उन्हें झड़पों में शामिल होने का कारण बताते हुए घर तोड़ दिया.

शहजाद खान की पत्नि रोशनी ने कहा रात 9 बजे तक हमें कहीं रहने को जगह नहीं मिली, मेरे पति ने रात को आ कर बताया कि रहने के लिए व्यवस्था हो गई है तब हम वहां के लिए निकले.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

"हमारे पास रहने की कोई और जगह नहीं है"

एक अन्य निवासी हसीना ने कहा कि सरकार की ओर से कुछ लोग उनके बारे में पूछताछ करने आए थे. हसीना ने कहा, "सरकार के कुछ लोग सुबह हमारे बारे में पूछने आए. उन्होंने हमसे पूछा कि हम कैसे हैं. इसलिए मैंने उन्हें उस भयानक स्थिति के बारे में बताया, जिसमें हम थे." हसीना ने कहा कि लोगों ने उन पर दया करके उन्हें आश्रय दिया है.

हसीना ने कहा "लोग जितना हो सके हमारी मदद कर रहे हैं. मैं आभारी हूं कि उन्होंने हमें यहां आश्रय दिया. हमारे पास कहीं और जाने के लिए जगह नहीं है, हमारे साथ कोई नहीं है."

बता दें कि गौशाला में रुके लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है, यहां शरण लेने वालों में से कई बच्चे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT