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यूपी और हरियाणा के नक्शे कदम पर चलते हुए, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार एक ऐसा बिल लाने की तैयारी कर रही है, जिसके जरिए सांप्रदायिक दंगों, विरोध प्रदर्शनों और रैलियों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान होने पर उसका दोगुना हर्जाना लिया जा सके. इस बात की जानकारी खुद मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने दी है.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि जल्द ही मध्य प्रदेश में प्रिवेंशन ऑफ लॉस ऑफ पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एंड रिकवरी ऑफ डैमेज एक्ट लाया जा रहा है. इसके तहत सरकारी या प्राइवेट संपत्ति पर पथराव या किसी तरीके से नुकसान पहुंचाने वाले से हर्जाना वसूला जाएगा.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा,
इस बिल की नवंबर के आखिर में होने वाले राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए आने की संभावना है. बिल में सिविल प्रक्रिया संहिता 1908 के तहत सिविल कोर्ट की शक्तियों के साथ राज्य भर में क्लेम ट्रिब्यूनल के गठन की बात की गई है.
आने वाले बिल के तहत एक ट्रिब्यूनल बनेगा, जो हर्जाना तय करेगा. इसमें पुलिस महानिदेशक स्तर और आईजी स्तर का अधिकारी होंगे, साथ ही रिटायर्ड सेक्रेटरी होंगे. इस ट्रिब्यूनल को सिविल कोर्ट जैसे अधिकार होंगे. कलेक्टर सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की जानकारी इस ट्रिब्यूनल को देगा. इसी तरह अगर किसी की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तो वह भी ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकेगा.
विधेयक के प्रावधानों के मुताबिक, नुकसान की भरपाई उन लोगों से की जाएगी, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं और जिन्होंने इस घटना को उकसाया है या दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया है.
बता दें कि साल 2020 में, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के मद्देनजर, यूपी सरकार ने भी ऐसा ही कानून पारित किया था. जब नरोत्तम मिश्रा से यह पूछा गया कि क्या इस विधेयक का मसौदा यूपी और हरियाणा की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है तो उन्होंने कहा, "यह हमारा अपना विधेयक है और किसी अन्य राज्य पर आधारित नहीं है."
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Published: 04 Nov 2021,08:40 AM IST