advertisement
मध्य प्रदेश (MadhyaPradesh Bypolls) की एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान हुआ था जिसके नतीजे 2 नवंबर को आए, जिसमें बीजेपी ने बढ़त हासिल की है.
चार सीटों में से बीजेपी ने तीन सीट हासिल कर लीड ली है तो वहीं कांग्रेस के खाते में मात्र एक विधानसभा सीट आई है. बीजेपी ने जो तीन सीटें हासिल की हैं उनमें एक लोकसभा और दो विधानसभा सीटें शामिल हैं.
गौरतलब है कि जिन चार सीटों पर उपचुनाव हुआ ये तीन विधायक और एक सांसद के निधन के बाद हुआ था, जिसमें से बीजेपी के पास एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट थी. वहीं उसने एक और विधानसभा सीट हासिल कर बढ़त बना ली है.
जहां बीजेपी ने कांग्रेस के गढ़ पृथ्वीपुर विधानसभा को हासिल किया तो वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी के गढ़ रैगाव विधानसभा सीट को हासिल किया है.
अगर उपचुनाव की चारों सीटों की बात करें तो खंडवा लोकसभा की सीट बीजेपी के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी जिसके बाद बीजेपी ने वहां से ज्ञानेश्वर पाटिल को अपना प्रत्याशी बनाया जबकि कांग्रेस की ओर से राजनारायण पुरनी को अपना प्रत्याशी बनाया था.
तीन विधानसभा उपचुनाव की बात करें तो पृथ्वीपुर विधानसभा कांग्रेस के कद्दावर नेता, पूर्व मंत्री और विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन के बाद रिक्त हुई थी जहां से कांग्रेस ने उनके बेटे नितेन्द्र राठौर को अपना प्रत्याशी बनाया जबकि बीजेपी ने दो साल पहले समाजवादी पार्टी से बीजेपी में आए शिशुपाल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था.
जोबट विधानसभा कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन के बाद खाली हुई थी जहां से कांग्रेस ने महेश पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया था तो वहीं बीजेपी ने चुनाव से कुछ दिन पहले कांग्रेस से बीजेपी में गई सुलोचना रावत को अपना प्रत्याशी बनाया.
रैगांव विधानसभा बीजेपी के सीनियर विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन के बाद खाली हुई थी जहां से कांग्रेस ने कल्पना वर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया तो वहीं बीजेपी ने प्रतिमा बागरी को अपना प्रत्याशी बनाया था.
खंडवा लोकसभा- बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस के राजनारायन पुरनी को 82 हजार 140 वोट से हराया. जहां पाटिल को 632455 वोट मिले तो वहीं पुरनी को 550315 वोट मिले.
पृथ्वीपुर विधानसभा- बीजेपी प्रत्याशी शिशुपाल यादव ने कांग्रेस प्रत्याशी नितेंद्र राठौर को 15 हजार 687 वोटों से हराया. जहां यादव को 82673 वोट मिले तो वहीं राठौर को 66986 वोट मिले.
जोबट विधानसभा- बीजेपी की सुलोचना रावत ने कांग्रेस के महेश पटेल को 6 हजार 104 वोट से चुनाव हराया. जहां रावत को 68949 वोट मिले तो वहीं पटेल 62845 को वोट मिले.
रैगाव विधानसभा- कांग्रेस की कल्पना वर्मा ने बीजेपी की प्रतिमा बागरी को 12 हजार 290 वोट से हराया. जहां वर्मा को 72989 वोट मिले तो वहीं बागरी को 60699 वोट मिले.
उपचुनाव परिणाम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि हमने जनादेश का सम्मान किया है, स्वीकार किया है साथ ही समीक्षा मंथन चिंतन करने की बात कही है.
कमलनाथ ने कहा कि इन चुनावों की समीक्षा कर हम 2023 की चुनावी तैयारियों में जुटे हुए प्रदेश में किसानों की आत्महत्या बेरोजगारी बढ़ती महंगाई महिलाओं पर अत्याचार, अवैध शराब से हुई मौतों, कुपोषण, शिशु मृत्यु दर, अत्याचार में शीर्ष प्रदेश के दाग को धोकर विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश को देश में नंबर एक बनाना हमारा संकल्प है और इसी संकल्प के साथ आम जनता की अदालत में अपनी बात रखेंगे.
चुनाव में मिली बढ़त से बीजेपी काफी खुश है. बीजेपी में जश्न का माहौल है. उपचुनाव परिणाम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि,
मध्य प्रदेश के राजनीतिक समीक्षक और वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित का उपचुनाव परिणाम पर कहना है कि, ये बीजेपी के इलेक्शन मैनेजमेंट की जीत है कितने महीने से उन्होंने इसकी तैयारी शुरू की थी और दूसरी तरफ कांग्रेस आखिरी समय तक अविभाजित रही गुटबंदी रही और वह एकजुट होकर लड़ नहीं पाए.
अगर पहली नजर में देखें तो पब्लिक अभी भी महंगाई नहीं मान रही है अभी भी कोई समस्या नहीं मान रही है यह दिख रहा है लेकिन वास्तविकता यह है कि बीजेपी ने सरकार लगाई ताकत लगाई संगठन की. उसके बाद कोई ऐसा उपाय नहीं छोड़ा है जो किया नहीं है. एक तरफ पूरी ताकत और दूसरी तरफ जो लड़ रहे थे वो इकट्ठे नहीं थे.
सबसे बड़ी वजह यही है कि कांग्रेस की लीडरशिप को लेकर जो मुद्दा पूरे देश में चल रहा है वही असर मध्य प्रदेश में दिखा. उस वजह से बीजेपी जीत गई है. कांग्रेस की तैयारी सही ढंग से रही होती तो परिस्थितियां कुछ और होती अगर कांग्रेस इसी तरह रही तो बीजेपी आगे भी जीतेगी क्योंकि बीजेपी के पास सरकार है उनके पास सिस्टम है उनके पास पार्टी है उनके पास काडर है उनके पास पैसा है उनके पास मैनेजमेंट है. यहां कुछ नहीं है आपस में ही लड़ रहे हैं, यही हार की वजह है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: 02 Nov 2021,11:03 PM IST