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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 11 मुस्लिम लोगों पर कथित रूप से गोवंश की हत्या और गोमांस बेचने के आरोप लगे हैं. मामला मंडला के भैंसवाही गांव का है. पुलिस का दावा है कि आरोपियों के घरों से गोवंश के अवशेष मिले हैं. आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग FIR दर्ज की गई है. वहीं प्रशासन ने आरोपियों के घरों को अवैध बताते हुए बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.
क्विंट हिंदी के द्वारा प्राप्त FIR के मुताबिक, पुलिस को मुखबिर से भैंसवाही गांव में गोवंश की हत्या और गोमांस की बिक्री की सूचना मिली थी. जिसके बाद पुलिस ने आधी रात को गांव में दबिश दी. इस दौरान 11 लोगों के घरों से भारी मात्रा में गोमांस, हड्डी, चर्बी सहित अन्य अवशेष मिले. इसके साथ ही पुलिस ने 150 से ज्यादा जीवित गोवंश भी पकड़ा.
FIR के मुताबिक, कार्रवाई के दौरान आरोपी रात में अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले. वहीं उसके परिवार वाले भी चले गए.
शनिवार, 15 जून को दिन में पुलिस और प्रशासन ने 11 आरोपियों के घरों को अतिक्रमण में बताकर बुलडोजर से ढहा दिया.
उन्होंने आगे बताया "मामले में 11 आरोपी हैं, जिनपर FIR दर्ज किया गया है, उनकी क्रिमिनल हिस्ट्री चेक की जा रही है, उनमें से दो का अपराध का इतिहास है. वहीं, राजस्व ने चेक किया तो इन लोगों के घर भी अतिक्रमण कर बनाए गए हैं."
अतिक्रमण की कार्रवाई पर मंडला के पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि घर 15,000 वर्ग फुट सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए थे. "यह जमीन स्थानीय अधिकारियों द्वारा मवेशियों के चराने के लिए रखी गई थी."
नैनपुर एसडीएम सोनल सिदाम ने कहा, ''इस मामले (अवैध अतिक्रमण) को लेकर यहां पहले भी एक केस चल रहा था. शनिवार को राजस्व विभाग की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है.''
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, "2015 में अखलाक के फ्रिज में रखे गोश्त को बीफ बता कर एक हुजूम ने उनके घर में घुस कर उन्हें मार दिया था. ना जाने कितने मुसलमानों पर “तस्करी” और “चोरी” का झूठा इल्जाम लगा कर उनका कत्ल कर दिया गया."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "जो काम पहले भीड़ करती थी, वो काम अब सरकार कर रही है. मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ मुसलमानों पर इल्जाम लगाया कि उनके फ्रिज में बीफ था और 11 घरों पर बुलडोजर चला दिया."
ओवैसी ने आगे कहा, "ना-इंसाफी का सिलसिला थमता नहीं. चुनाव के नतीजों से पहले और बाद भी, घर मुसलमानों के ही तोड़े जाते हैं, कत्ल मुसलमानों के ही होते हैं. जिन्हें झोली भर-भर के मुसलमानों का वोट मिलता है, वो क्यों चुप हैं?"
(इनपुट-अब्दुल वसीम अंसारी)
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