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मध्य प्रदेश के सीधी जिले से बीजेपी के एक कार्यकर्त्ता, प्रवेश शुक्ला (Pravesh Shukla) के द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति पर कथित तौर पर पेशाब करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके लगभग 24 घंटे बाद ही, जिला प्रशासन ने बुधवार (5 जुलाई) को आरोपी के घर के कुछ हिस्सों पर बुलडोजर चला दिया.
आरोपी को मंगलवार 4 जुलाई की देर रात अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है.
बुधवार दोपहर जैसे ही जिला प्रशासन बुलडोजर लेकर उसके (प्रवेश शुक्ला) के घर पहुंचा, तो आरोपी की मां और परिवार के सदस्य बुलडोजर न चलाने की गुहार लगाते दिखे.
वायरल वीडियो में बीजेपी नेता प्रवेश शुक्ला को सीधी में कोल जनजाति के सदस्य, 36 वर्षीय दशमत रावत नामक एक आदिवासी व्यक्ति पर कथित तौर पर पेशाब करते हुए देखा गया है. प्रवेश शुक्ला को कथित तौर पर बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के सहयोगी बताया जा रहा है. हालांकि, विधायक ने इंकार कर दिया है. घटना के बाद से मध्य प्रदेश की सियासत गर्मा गयी है.
मामला बुलडोजर एक्शन तक पहुंचने के साथ, द क्विंट ने प्रवेश शुक्ला के बैकग्राउंड और राजनीतिक संबंधों की गहराई से जांच की.
प्रवेश शुक्ला मध्य प्रदेश के सीधी जिले के कुबरी गांव का रहने वाला है. मंगलवार, 4 जुलाई को वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद, प्रवेश के पिता रमाकांत शुक्ला ने मीडिया को बताया कि वह क्षेत्र में एक सक्रिय राजनेता रहा है और पिछले 4-5 वर्षों से बीजेपी विधायक केदारनाथ शुक्ला के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहा है.
दरअसल, घटना के बाद प्रवेश शुक्ला की स्थानीय विधायक के साथ-साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित बीजेपी नेताओं के साथ समारोहों और रैलियों में भाग लेने की कई तस्वीरें सामने आईं.
ऐसी ही एक कथित तस्वीर में प्रवेश गृह मंत्री के पीछे उनकी जय-जयकार करते नजर आ रहा है.
एक अन्य तस्वीर में वह केदारनाथ शुक्ला के साथ बैठा नजर आ रहा है और एक अन्य तस्वीर में विधायक उसे मिठाई खिलाते नजर आ रहे हैं.
बीजेपी नेताओं द्वारा शुरू में पार्टी के साथ प्रवेश शुक्ला के जुड़ाव के दावों का खंडन करने के बावजूद, सीधी में बीजेपी के युवा विंग के नेताओं की एक लिस्ट में कथित तौर पर प्रवेश को कुचवाही मंडल यूथ विंग के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है.
द क्विंट को स्थानीय सूत्रों ने बताया कि प्रवेश, जिसे बीजेपी विधायक का 'संरक्षण' प्राप्त है, इलाके में एक ठेकेदार के रूप में काम करता है और छोटे-मोटे निर्माण ठेके लेता है. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि वह विधायक के 'गुर्गे' के रूप में भी काम करता है.
सूत्रों ने यह भी कहा कि प्रवेश सीधी में एक पुलिस स्टेशन के अंदर पत्रकारों और थिएटर कलाकारों को कथित तौर पर निर्वस्त्र करने की घटना में शामिल था, जिससे राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था.
विधायक केदारनाथ शुक्ल को बदनाम करने के आरोप में एक पत्रकार और थिएटर कलाकार समेत आठ लोगों को कोतवाली थाने के अंदर निर्वस्त्र कर दिया गया.
अपमान सहने वाले लोगों में से एक ने कहा, "दोनों मामलों में, सामान्य नाम विधायक केदारनाथ शुक्ला का है, और प्रवेश उनके गुर्गे की तरह था जो लोगों को गाली देता था, हंगामा करता था और उनकी पिटाई करता था."
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से हमारे विधायक आतंक और धमकी के साथ इस तरह से काम करते हैं."
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