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मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने बुधवार को तमिलनाडु दुग्ध सहकारी समिति आविन के उन 25 कर्मचारियों पर अंतरिम रोक लगा दी, जिन्हें सेवा से हटा दिया गया था।
पिछली अन्नाद्रमुक सरकार के दौरान सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति में अनियमितताओं का हवाला देते हुए हटा दिया गया था।
न्यायमूर्ति अब्दुल कुद्दोज की पीठ ने 25 कर्मचारियों द्वारा दायर रिट याचिकाओं के एक बैच को स्वीकार किया और उनकी बर्खास्तगी के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी।
मुख्य याचिका में तिरुप्पुर जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड में एक भारी वाहन चालक और पिछले अन्नाद्रमुक शासन के दौरान 2021 में नियुक्त किए गए डी. एलुमलाई ने कहा कि अधिसूचना 18 दिसंबर, 2020 को जारी की गई थी। सभी प्रक्रियाएं पूरी करने और उचित तरीके से आवेदन करने के बाद उन्हें पोस्टिंग मिली थी।
एलुमलाई ने कहा कि उन्होंने भारी वाहन चालक के पद के लिए आवेदन किया था, क्योंकि भारी वाहन चालकों के 5 पदों को अधिसूचित किया गया था। याचिकाकर्ता ने पेटीशन में कहा है कि वह 1 फरवरी, 2021 को आयोजित एक कौशल परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ था और उनका साक्षात्कार 9 फरवरी, 2021 को लिया गया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें 25 फरवरी 2021 को हैवी ड्यूटी ड्राइवर के पद पर नियुक्त किया गया था और अगले दिन उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की।
याचिकाकर्ता ने कहा कि स्वीकृत रिक्तियों के बारे में जारी अधिसूचना के आधार पर उनके साथ अन्य 25 लोगों ने भी ज्वाइन किया था। हालांकि, उन्होंने पेटीशन में उल्लेख किया कि जब तमिलनाडु में शासन परिवर्तन हुआ, तो डिप्टी रजिस्ट्रार (डेयरी) ने उन्हें और अन्य लोगों को उनकी नियुक्तियों की जांच के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया।
एलुमलाई ने कहा कि 4 जनवरी को उनकी और साथ ही अन्य की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश पारित किए गए। इसके बाद उन्होंने मद्रास हाईकोर्ट से हस्तक्षेप करने और आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया।
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