advertisement
महाराष्ट्र के भंडारा के जिला अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है. वहीं 7 बच्चों को बचा लिया गया. हादसा रात दो बजे के आसपास हुआ है.
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल सर्जन प्रमोद खांडाते के बयान से ऐसा समझ में आ रहा है कि यह दुर्घटना लापरवाही के चलते हुए है.
उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि बच्चों को जिस कमरे में रखा गया था, वहां कोई मौजूद नहीं था. आगी लगी और उसके बाद धुआं जमा होता रहा, फिर जाकर दरवाजा खोला गया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. सवाल ये है कि नवजात बच्चों के कमरे में हर वक्त कोई क्यों नहीं था? फिलहाल सरकार ने जांच बिठा दी है.
स्थानीय विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने हादसे के लिए अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने CSO, RMO समेत जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है. घटना के बारे में बताते हुए सर्जन प्रमोद खांडाते ने कहा,
सर्जन ने आगे बताया, "7 बच्चों के अलावा ICU के मरीजों, वार्ड में एडमिट लोगों और गर्भवती महिलाओं को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. इससे पहले भी ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनपर समय रहते काबू पा लिया गया था. पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगी है."
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों का फॉयल ऑडिट करने का आदेश दे दिया है,ताकि भविष्य में ऐसी घटना की किसी संभावना का पता लगाया जा सके. वहीं जान गंवाने वाले बच्चों का फिलहाल पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा.
जान गंवाने वाली एक बच्ची की मां ने अपना दुख सुनाते हुए कहा,"मेरी 12 दिन के बेटी को यहां ICU में रखा गया था. मेरी डिलेवरी धूमसर के अस्पताल में हुई थी, लेकिन बेटी को ICU में रखना था. इसलिए यहां भंडारा के अस्पताल ले आए थे. रात 2 बजे ये घटना पता चली. तब हम दूसरे कमरे में रुके थे. अभी तक कोई जानकारी नही मिली है. वह कह रहे हैं कि पोस्टमार्टम करेंगे, मुझे बस अपनी बेटी वापस चाहिए.
स्थानीय विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने अस्पताल प्रबंधन की तरफ से लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा "बच्चे ऐसी यूनिट में थे, जहां लगातार निगरानी रखी जानी चाहिए. बहुत जल्दी तेज आग नहीं फैल सकती, ऐसे में लगता है कि हॉस्पिटल की तरफ से कोई चूक हुई है. CSO, RMO और नर्स को सस्पेंड किया जाना चाहिए."
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख नागपुर के लिए रवाना हो गए हैं. वे वहां से सीधे भंडारा पहुंचकर स्थिति का जायजा लेंगे. देशमुख ने जिले के एसपी से भी बातकर प्राथमिक रिपोर्ट मांगी है. राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने हर परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है.
पढ़ें ये भी: भंडारा अस्पताल में बच्चों की मौत पर पीएम -राष्ट्रपति ने खेद जताया
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)