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देश के कई राज्यों में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में तेजी आ रही है. इसकी वजह का पता लगाने के लिए केंद्र ने कई राज्यों में टीमें भेजी थीं. महाराष्ट्र भेजी गई टीम ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें एक्सपर्ट्स ने कहा कि 'लोगों के बीच स्पष्ट रूप से महामारी के डर की कमी' से संक्रमण के आंकड़ों में तेजी आई हो सकती है.
महाराष्ट्र का दौरा करने वाली तीन सदस्यों की टीम ने कहा, "महामारी के डर की कमी, हाल ही में हुए निकाय चुनाव और भीड़भाड़ वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट ने शायद कोरोना संक्रमण बढ़ाने में योगदान दिया."
इस टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी निपुण विनायक भी शामिल थे. टीम ने 1 और 2 मार्च को महाराष्ट्र का दौरा किया था.
टीम ने महाराष्ट्र से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस और टेस्टिंग जारी रखने और प्रोटोकॉल्स का सख्ती से पालन करने की सलाह दी.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सपर्ट टीम ने कहा, "होम क्वॉरंटीन पर सख्ती बढ़ाइए, हॉटस्पॉट इलाकों में पांच दिनों में 100 फीसदी जनसंख्या की टेस्टिंग करें और संक्रमित लोगों का आइसोलेशन करें."
स्वास्थ्य मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, मौजूदा समय में महाराष्ट्र में 90,000 से ज्यादा सक्रिय कोरोना वायरस मामले हैं.
एक्सपर्ट टीम ने डॉक्टरों पर भी सवाल उठाया. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "डॉक्टर समुदाय में खासकर निजी डॉक्टर शायद मरीजों की काउंसलिंग नहीं कर रहे हैं या प्रोटोकॉल फॉलो नहीं कर रहे, और इसे फ्लू बता रहे हैं."
टीम ने 1 मार्च को नागपुर, यवतमाल,, अमरावती, खामली, देवनागर का दौरा किया था. 2 मार्च को टीम पुणे, मुंबई और ठाणे गई थी.
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