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महाराष्ट्र: सबसे ज्यादा कोरोना केस लेकिन टेस्टिंग में 17वां नंबर

महाराष्ट्र में कम टेस्टिंग को लेकर फिर उठ रहे सवाल

रौनक कुकड़े
भारत
Updated:
महाराष्ट्र में कम टेस्टिंग को लेकर फिर उठ रहे सवाल
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महाराष्ट्र में कम टेस्टिंग को लेकर फिर उठ रहे सवाल
(प्रतीकात्मक फोटो: AP)

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कोविड -19 के मामलों में देश में सबसे ज्यादा संक्रमित राज्य महाराष्ट्र है. इस हिसाब से राज्य में टेस्टिंग की रफ्तार भी उतनी ही तेज होनी चाहिए. लेकिन हालात ये हैं कि टेस्टिंग में मामले में महाराष्ट्र 17 वें पायदान पर है. केंद्र सरकार के स्वास्थ विभाग ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसमें ये बात सामने आई है. जो काफी चौंकाने वाली बात है. टेस्टिंग को लेकर लगातार महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठते आ रहे हैं.

ग्राफिक्स: प्रति 10 लाख कोरोना टेस्ट

हालांकि WHO के मापदंड के मुताबिक व्यापक टेस्टिंग उसे कह सकते हैं जब 10 लाख आबादी पर 140 लोगों टेस्टिंग हो रही हो.

केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय ने जो डेटा जारी किया है उसके मुताबिक महाराष्ट्र में 198 टेस्ट प्रति 10 लाख जनसंख्या के आधार पर हो रहे हैं. भले ही ये डब्ल्यूएचओ के मानक को पूरा करता हो, लेकिन महाराष्ट्र टेस्टिंग के मामले में गोवा, दिल्ली, हरियाणा और कर्नाटक जैसे राज्यों से काफी पिछड़ा है.

इतना ही नहीं महाराष्ट्र का टेस्टिंग रेट देश के 201 टेस्ट प्रति 10 लाख जनसंख्या के मुकाबले कम है. देश में दस लाख से ज्यादा कोविड केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से महाराष्ट्र के 2 लाख 75 हजार मामले शामिल हैं. यानी देश के संक्रमितों के आंकड़ों में महाराष्ट्र का हिस्सा करीब 30% का है. हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि महाराष्ट्र और तमिलनाडु में देशभर के 50 फीसदी कोरोना मामले हैं.

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डेटा बताता है की है टेस्टिंग के मामले में गोवा 1058 टेस्ट प्रति 10 लाख जनसंख्या के साथ सबसे आगे है. दूसरा नंबर 978 टेस्ट के साथ देश की राजधानी दिल्ली का है. जबकि तीसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां 563 टेस्ट प्रति 10 लाख आबादी पर हो रहे हैं.

नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने भी ट्वीट कर सरकार से टेस्टिंग को बढ़ाने को कहा है. वहीं जानकार डॉक्टरों का भी कहना है कि ज्यादा और आक्रामक टेस्टिंग से वायरस की चेन को तोड़ा जा सकता है. लिहाजा राज्य में टेस्टिंग को बढ़ाया जाना चाहिए.

पूरी क्षमता के साथ हो रही है टेस्टिंग

महाराष्ट्र के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सतीश पवार का कहना है कि ICMR की गाइडलाइन के हिसाब से महाराष्ट्र के पूरी ताकत के साथ टेस्ट किए जा रहे हैं. राज्य में 126 लैब काम कर रही हैं. जिसकी क्षमता 40,000 के करीब है. रोजाना महाराष्ट्र में 30 हजार के करीब टेस्ट हो रहे हैं. कुछ जगहों पर कई बार मशीन खराब होने की वजह से असर पड़ता है लेकिन WHO के मानक प्रति दिन 10 लाख की आबादी पर 140 टेस्ट होने चाहिए. महाराष्ट्र में उससे ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं. ये देश में दूसरे नंबर का राज्य है जहां सबसे ज्यादा जनसंख्या है, इसके बावजूद सबसे ज्यादा टेस्टिंग लैब और टेस्टिंग को और बढ़ाने पर सरकार का जोर है. महाराष्ट्र में एंटीजन टेस्ट भी बड़ी संख्या में होंगे. महाराष्ट्र सरकार ने 1 लाख के करीब एंटीजन किट्स उपलब्ध कराई हैं.

BMC ने 7 जुलाई को अपने आदेश में साफ कर दिया था कि A symptomatic व्यक्ति अब बिना डॉक्टर की सलह अपना टेस्ट करा सकता है. जिसके बाद से मुंबई में टेस्टिंग के रेट में बढ़ोतरी देखी गई है. मुंबई में पिछले हफ्ते से 6000 के करीब टेस्ट हो रहे हैं. लेकिन BMC अधिकारी का कहना है कि टेस्टिंग दर आज भी ज्यादा है. मुंबई निजी लैब में टेस्टिंग के 2200 रुपये लिए जाते हैं.

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Published: 16 Jul 2020,11:21 PM IST

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