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भगत सिंह कोश्यारी का राज्यपाल पद से इस्तीफा स्वीकार, विवादों से भरा रहा कार्यकाल

Bhagat Singh Koshyari की जगह रमेश बैस होंगे महाराष्ट्र के नए राज्यपाल

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<div class="paragraphs"><p>भगत सिंह कोश्यारी छोड़ेंगे महाराष्ट्र राज्यपाल पद,3 साल में 5 विवादों से जुड़ा नाम</p></div>
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भगत सिंह कोश्यारी छोड़ेंगे महाराष्ट्र राज्यपाल पद,3 साल में 5 विवादों से जुड़ा नाम

(फोटो- भगत सिंह कोश्यारी)

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और उनकी जगह झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को इस संवैधानिक पद की जिम्मेदारी दी गयी है. इससे पहले जनवरी में भगत सिंह कोश्यारी ने जानकारी दी थी कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया मुंबई यात्रा के दौरान पीएम से "सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों" से मुक्त होने की इच्छा व्यक्त की थी. आपको यहां बताते हैं महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में भगत सिंह कोश्यारी से जुड़ें 6 बड़े विवाद.

1. नवंबर 2019 में तब कोशियारी विवादों में आए जब उन्होंने चुनाव बाद बीजेपी-शिवसेना के झगड़े के बीच देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में हरबराहट में पद की शपथ दिला दी.

दरसल, 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, इसी बीच सहयोगी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर विवाद हो गया. शिवसेना ने सीएम पद पर दावा ठोक दिया. बात इतनी बढ़ी को बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन टूट गया. इसी बीच शरद पवार ने कांग्रेस के साथ मिलकर शिवसेना को सीएम की कुर्सी ऑफर किया. लेकिन तब ही बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ, शरद पवार के भतीजे और एनसीपी विधायक दल के नेता अजीत पवार बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस से मिले.

फडणवीस-अजीत पवार ने सरकार बनाने का दावा कर दिया. तब राज्यपाल कोशियारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी.

हालांकि, अजीत पवार पीछे हट गए, फडणवीस बहुमत साबित नहीं कर पाए और सरकार गिर गई. फिर जाकर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी की सरकार बनी.

2. मार्च 2022 में राज्यपाल कोश्यारी फिर विवादों के बीच आये जब उन्होंने 19वीं सदी के समाज सुधारकों सावित्रीबाई और ज्योतिराव फुले के "कम उम्र में शादी करने" पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “सावित्रीबाई की शादी तब हुई जब वह दस साल की थीं… और उनके पति (ज्योतिराव फुले) 13 साल के थे.अब सोचिए, शादी के बाद लड़का-लड़की क्या कर रहे होंगे? वे क्या सोच रहे होंगे?”

3. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्व MVA सरकार ने दो साल पहले एमएलसी के पद के लिए नामांकन के लिए 12 नामों की सिफारिश की थी, लेकिन इस फाइल को राज्यपाल कोश्यारी ने कभी मंजूरी नहीं दी. कई मौकों पर उद्धव ठाकरे सरकार ने उनकी इस मुद्दे पर आलोचना की. आखिरकार बगावत के बाद जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने तो राज्यपाल कोश्यारी ने उनकी सिफारिश पर उस फाइल को रद्द कर दिया.

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4. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था. उन्होंने कहा था, ''पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आदर्श कौन है, तो जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी जवाब हुआ करते थे. महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है (क्योंकि) यहां बहुत सारे आइकन हैं. छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने दिनों के हैं, उनकी जगह पर नितिन गडकरी और शरद पवार को महाराष्‍ट्र का नया हीरो मान लेना चाहिए."

शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने महाराष्ट्र के आइकन का अपमान किया है और वे "मराठी मानुस" के खिलाफ हैं.

5. मार्च 2022 में एक कार्यक्रम में राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि,"चाणक्य के बिना चंद्रगुप्त और समर्थ के बिना शिवाजी को कौन पूछेगा? इसके बाद उन्हें विधानसभा में तात्कालिक एमवीए सरकार के विधायकों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. 

6. जुलाई 2022 में कोश्यारी ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर गुजरातियों और राजस्थानियों को महाराष्ट्र से बाहर कर दिया जाए, तो राज्य के पास कोई पैसा नहीं बचेगा.

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