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"नांदेड़ रैली में हेट स्पीच देने वाले खुले घूम रहें और विरोध करने वाला गिरफ्तार"

रैली में कट्टर हिंदुत्ववादी कालीचरण और बीजेपी के पूर्व विधायक राजा सिंह द्वारा सांप्रदायिक भाषण दिए गए थे

हिमांशी दहिया
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>50 वर्षीय सुलेमान अहमद शेख, जिनको नांदेड़ की बिलोली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.</p></div>
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50 वर्षीय सुलेमान अहमद शेख, जिनको नांदेड़ की बिलोली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

फोटो : एडिटेड बॉय द क्विंट

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5 अप्रैल को, महाराष्ट्र (Maharashtra) के नांदेड़ जिले की बिलोली पुलिस ने 50 साल के सुलेमान अहमद शेख को कथित रूप से मुस्लिम समुदाय के युवाओं को एक रैली का विरोध करने के लिए "उकसाने या भड़काने" के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस रैली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निष्कासित विधायक और सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए जाने जाने वाले टी राजा सिंह आने वाले थे.

इस मामले के एक हफ्ते बाद, सुलेमान के चचेरे भाई वलीउद्दीन शेख ने द क्विंट को बताया कि "टी राजा सिंह का सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भाषण देने का इतिहास रहा है. केवल महाराष्ट्र में ही उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखें. तो उन्होंने कई इलाकों का दौरा किया और मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला है." वलीउद्दीन ने कहा

जब हमें पता चला कि वह (टी राजा) और उसकी टोली बिलोली आ रहे हैं, तब हम समझ गए कि हमें क्या करना है. नतीजतन, इस कस्बे के कई चिंतित मुसलमानों ने एक साथ मिलकर प्रशासन (पुलिस और जिला कलेक्टर) के पास शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया. लेकिन देखिए क्या हुआ, उसे (रैली को) रोकने के बजाय, उन्होंने हममें से एक को गिरफ्तार कर लिया.

वलीउद्दीन ने द क्विंट को बताया कि सुलेमान को मंगलवार, 11 अप्रैल को जमानत मिल गई और अगले दिन यानी 12 अप्रैल को वह जेल से बाहर आ गया.

सुलेमान शेख के खिलाफ क्या चार्ज लगाए गए हैं?

सुलेमान एक बिजनेसमैन होने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं. एफआईआर में उनके साथ अजहर कुरैशी का नाम भी दर्ज है. इन दोनों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 (सामान्य इरादे से किया गया आपराधिक कृत्य) और 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) लगाई गई है.

सुलेमान ने जिस मीटिंग में अपनी बात रखी थी, उसमें 27 साल के सैयद मैनुद्दीन भी मौजूद थे जोकि 15 साल से बिलोली में रह रहे हैं. मैनुद्दीन ने द क्विंट से कहा कि "सुलेमान ने सिर्फ लोगों से पुलिस और कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के पास इस मामले को ले जाने का आग्रह किया था. यह जुर्म या अपराध की श्रेणी में कैसे आ सकता है? जबकि रविवार की रैली को संबोधित करने वाले लोगों ने वाकई में ऐसी बातें कहीं हैं, जो भारत के संविधान के खिलाफ हैं. उनके खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?"

अजहर को अभी तक हिरासत में नहीं लिया गया है, हालांकि सुलेमान को अदालत में पेश किया गया और 14 दिन की न्यायिक हिरासत की सजा सुनाई गई है.

बिलोली पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर अनंत नारुते ने द क्विंट से बात करते हुए कहा कि "पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में FIR दर्ज की है. सुलेमान न्यायिक हिरासत में है, हम अभी भी अजहर कुरैशी का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा."

"रैली के बारे में पता है, जल्द ही दर्ज करेंगे FIR" : पुलिस

इस बीच, 9 अप्रैल को शहर में माता मंदिर क्षेत्र के पास रैली हुई, जोकि हिंदुत्ववादी कट्‌टरपंथी अभिजीत धनंजय साराग उर्फ ​​कालीचरण द्वारा संबोधित की गई. दूसरी ओर टी राजा सिंह ने रैली में शामिल होने में असमर्थता जताई और आक्रोश के लिए "धर्मनिरपेक्ष राजनेताओं" (सेक्युलर पॉलिटीशियन) को दोषी ठहराया.

निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले 8 अप्रैल को टी राजा सिंह एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए कहा कि "कुछ धर्मनिरपेक्ष राजनेताओं की वजह से 9 अप्रैल को होने वाली बिलोली रैली को रद्द कर दिया गया है. पिछले 40 दिनों से हम इस कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे. मैं उन सभी हिंदू वीरों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो इस रैली को सफल बनाने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे. बहुत जल्द दोगुनी ताकत के साथ हम बिलोली में एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन करेंगे."

टी राजा सिंह ने इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को जानकारी दी कि वह 9 अप्रैल को बिलोली में होने वाले कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे.

हालांकि बाद में उन्होंने वीडियो मैसेज के जरिए लोगों को संबोधित किया.

(फोटो : स्क्रीनशॉट /इंस्टाग्राम)

बिलोली में 9 अप्रैल को हुई रैली के दौरान मंच पर अभिजीत धनंजय साराग उर्फ कालीचरण 

फोटो : फेसबुक

रैली के दौरान सैकड़ों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए, कालीचरण ने 'लव जिहाद', 'लैंड जिहाद' जैसे साजिशों को लेकर बयान दिया, जबकि लोगों को अल्पसंख्यकों के खिलाफ हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित किया.

फोटो : फेसबुक

टी राजा सिंह भले ही इस रैली में नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने बिलोली के लोगों के लिए एक वीडियो मैसेज रिकॉर्ड किया था, जो इस कार्यक्रम में चलाया गया था.

इंस्पेक्टर नरुते ने द क्विंट को बताया कि पुलिस घटना के फुटेज की जांच कर रही है और जल्द ही एक FIR दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा, "9 अप्रैल को बिलोली में आयोजित रैली के बारे में हमें पता है और हम FIR दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं."

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रैली में बड़े पैमाने पर हुए नफरती भाषण

9 अप्रैल को जो रैली आयोजित की गई थी, उसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया था. इस रैली में कालीचरण ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की वकालत की और यह दावा किया कि वे सभी (मुस्लिम) "देशद्रोही और आतंकवादी" हैं.

द क्विंट ने एक वीडियो फुटेज एक्सेस किया है, जिसमें कालीचरण ने आरोप लगाते हुए कहा है कि "जो लोग गायों को मारते हैं और उन्हें खाते हैं, वे कभी भी हमारे भाई नहीं हो सकते. अब्दुल अपनी बकरी को बहुत प्यार करता है. वह उसे काजू-मेवा खिलाता है और फिर ईद के दिन काटता है. सभी मुस्लिम हिंदू धर्मांतरित हैं, लेकिन बाद में मदरसों में उनका ब्रेनवॉश किया जाता है."

यह दावा करते हुए कि सभी आतंकवादी मुसलमान हैं, कालीचरण ने 'बुलडोजर जस्टिस' मॉडल की तारीफ की.

कालीचरण ने हिंदू राष्ट्र की आवश्यकता के लिए तर्क देते हुए दावे के साथ कहा कि "क्योंकि आतंकवादी केवल मुसलमान होते हैं इसलिए दुनिया मुसलमानों से तंग आ चुकी है. मुझे एक आतंकवादी दिखाओ जो मुस्लिम नहीं है."

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 9 अप्रैल की रैली में भड़काऊ भाषण देने के मामले में कालीचरण के खिलाफ अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है और न ही उसको गिरफ्तार किया गया है.

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2021 में कालीचरण को रायपुर में आयोजित एक 'धर्म संसद' के दौरान महात्मा गांधी को गाली देने और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे की तारीफ करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

9 अप्रैल की रैली में टी राजा सिंह भले ही शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं थे, लेकिन टी राजा ने वीडियो मैसेज के जरिए वहां मौजूद भीड़ को संबोधित किया. इसमें टी राजा ने दावा करते हुए कहा कि भारत 2025-2026 तक एक हिंदू राष्ट्र बन जाएगा. टी राजा ने कहा कि "हमें यह संकल्प लेने की आवश्यकता है कि हम सब मिलकर भारत को एक हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए काम करेंगे. अगर हम अपने मिशन में सफल रहे तो हम गोहत्या, लैंड जिहाद और धर्मांतरण को रोक पाएंगे. जो हमारी जमीनों पर कब्जा करते हैं और लैंड जिहाद में शामिल हैं ऐसे देशद्रोही खत्म हो जाएंगे."

9 अप्रैल की रैली को लेकर कालीचरण की तरह ही टी राजा सिंह के खिलाफ भी अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है.

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के बिलोली में आयोजित रैली में टी राजा सिंह के संबोधन का जो वीडियो मैसेज चलाया गया था उसका स्क्रीनशॉट.

(फोटो : फेसबुक)

सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप में महाराष्ट्र और तेलंगाना में दर्ज की गई कई FIR में टी राजा सिंह का नाम है.

महाराष्ट्र में टी राजा सिंह के खिलाफ मुंबई, लातूर और औरंगाबाद में आईपीसी की धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153B (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ प्रभाव डालने वाले भाषण देना या लांछन लगाना), 295A ( जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और 505 (सार्वजनिक शांति भंग करने के इरादे से झूठी और उपद्रवी खबरें फैलाना) समेत अन्य धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है.

अगस्त 2022 में जब टी राजा हैदराबाद के गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे, तब पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उन्हें बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था.

सुलेमान शेख की गिरफ्तारी क्यों हुई?

बिलोली पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के अनुसार, 24 मार्च को सुलेमान एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वे भीड़ को संबोधित करते हुए दिख रहे हैं.

पुलिस शिकायत के अनुसार सुलेमान ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "हम जिला प्रशासन से भी इसमें मदद करने का अनुरोध करेंगे और जो हमारे साथ नहीं खड़े होंगे, हम भी उनका सहयोग नहीं करेंगे."

पुलिस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सुलेमान के भाषण ने "असुरक्षा और भय की भावना पैदा की है."

दो मिनट 50 सेकेंड के इस वीडियो को द क्विंट ने एक्सेस किया है.

यहां पर उस वीडियो की पूरी ट्रांसक्रिप्ट दी जा रही है :

"9 अप्रैल को टी राजा सिंह बिलौली में माता मंदिर परिसर के पास एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. इस रैली को होने से रोकने के लिए हम (मुस्लिम समुदाय के लोग, विशेष रूप से युवा) यहां एकत्र हुए हैं."

उनका भाषण इतना जहरीला होगा कि वह न केवल बिलोली में बल्कि पूरे नांदेड़ जिले, महाराष्ट्र राज्य और वास्तव में पूरे देश में अशांति या तनाव पैदा करने की क्षमता रखता है. इससे दंगे भड़क सकते हैं. इसे रोकने के लिए हम पांच लोग, जोकि कांग्रेस कार्यकर्ता हैं, आपके सामने खड़े हैं.

हम अपने संतोष कुलकर्णी (स्थानीय कांग्रेस नेता) से बात करेंगे और उनके लेटर हेड पर एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, पुलिस स्टेशन, तहसीलदार कार्यालय में एक आवेदन जमा करेंगे और उनसे इस रैली को रोकने का आग्रह करेंगे.

लेकिन अगर वे इसमें हमारी मदद नहीं करते हैं, तो हम भविष्य में किसी भी चीज में उनका समर्थन नहीं करेंगे. हम किसी बैठक में शामिल नहीं होंगे और जैसा हम चाहेंगे वैसा करेंगे. अगर कांग्रेस पार्टी कुछ नहीं करती है तो पार्टी को भी छोड़ देंगे. ज्ञापन सौंपने के लिए कल हमारे विधायक जितेश अंतापुरकर और नगर अध्यक्ष संतोष कुलकर्णी हमारे साथ रहेंगे."

मीटिंग में मौजूद 25 साल के फार्मा स्टूडेंट मोहम्मद आमिर के अनुसार, इसके बाद सुलेमान ने बिलोली में कांग्रेस यूनिट के चीफ कुलकर्णी को काॅल किया और उन्हें इस मीटिंग के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा था कि "बिलोली के सभी मुसलमान यहां यह सुनिश्चित करने के लिए इकट्ठे हुए हैं ताकि टी राजा सिंह की 9 अप्रैल की रैली को रद्द कर दिया जाए जिससे कि हम क्षेत्र में शांति बनाए रख सकें."

आमिर ने द क्विंट से कहा कि "बिलोली एक छोटा शहर है. यह हमेशा शांतिपूर्ण रहा है. यहां सभी समुदायों के लोग एक साथ रहते हैं. इस शहर में कभी भी सांप्रदायिक हिंसा या दंगे की घटनाएं नहीं हुई हैं. इसलिए जब ऐसा कुछ हुआ, तो एकमात्र तर्कसंगत बात यह थी कि समुदाय के लिए एक साथ आएं और तनाव पैदा करने के उनके प्रयासों का विरोध करें."

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