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शिवसेना की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में, एकनाथ शिंदे के भविष्य पर फैसला आज

महाराष्ट्र में सरकार बचाने और गिराने से आगे बढ़ चुकी लड़ाई शिवसेना पर कब्जे तक पहुंच गई.

उपेंद्र कुमार
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>शिवसेना की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक आई, शिंदे-शिवसेना पर फैसले की घड़ी आज</p></div>
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शिवसेना की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक आई, शिंदे-शिवसेना पर फैसले की घड़ी आज

(फोटोः क्विंट)

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महाराष्ट्र की मराठा सियासत पर प्रभुत्व स्थापित करने के लिए चल रही उद्धव और शिंदे के बीच जंग बयानबाजी, सदन के रास्ते होते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. शिवसेना के सियासी संकट पर 21 दिन बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना और एकनाथ शिंदे के भविष्य पर फैसला होगा.

महाराष्ट्र में सरकार बचाने और गिराने से आगे बढ़ चुकी लड़ाई शिवसेना पर कब्जे तक पहुंच गई. एकनाथ शिंदे असली शिवसेना की बात करते हैं तो उद्धव ठाकरे अपनी शिवसेना की बात करते हैं. शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आज सुप्रीम कोर्ट में जिन तीन याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, इनमें से ये भी मुद्दा एक है.

बता दें, कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि...

उद्धव ठाकरे हिंदुत्व छोड़कर कांग्रेस और NCP के जाल में फंस चुके थे. शिवसेना में कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जाती थी. मेरे साथ जिन विधायकों ने बगावत की है, वे सभी बालासाहब के हिंदुत्व के उत्तराधिकारी हैं. बाला साहब ठाकरे और अनंत दीघे के विचार को हम आगे ले जाएंगे.

इन याचिकाओं पर होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

  • महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को CM बनाने के फैसले पर

  • शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को अलग मान्यता देने पर

  • शिवसेना के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द वाले नोटिस पर

  • डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर

शिवसेना के सभी विधायकों को कारण बताओ नोटिस

उधर, महाराष्ट्र विधानसभा सचिव राजेंद्र भागवत ने शिवसेना के सभी 53 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह नोटिस शिव सेना के दोनों गुटों की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर जारी किया गया है. विधायकों से एक हफ्ते में जवाब देने को कहा गया है. शिवसेना के जिन 53 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें 39 विधायक एकनाथ शिंदे गुट हैं, जबिक 14 विधायक उद्धव ठाकरे गुट के हैं.

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा उद्धव और शिंदे की आगे की राह

  • महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बागी विधायकों को अलग गुट की मान्यता दे दी है. अगर कोर्ट इसे रद्द करता है, तो उद्धव गुट को राहत मिलेगी. रद्द नहीं होने की स्थिति में शिवसेना के सिंबल के लिए लड़ाई शुरू हो जाएगी. शिंदे गुट भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के इंतजार में है. कोर्ट से राहत मिलती है, तो फिर सिंबल को लेकर शिंदे गुट चुनाव आयोग की ओर रूख कर सकता है.

  • एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर बीजेपी के साथ सरकार बना ली है. बीजेपी ने शिंदे का नेतृत्व स्वीकार करते हुए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है. सरकार में देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया है. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट से 16 बागी विधायकों को अगर राहत नहीं मिलती है, तो सरकार पर असर पड़ेगा. इसी वजह से शिंदे ने अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं किया है और ना ही कोई बड़ा फैसला लिया है. विभागों का बंटवारा भी रूका हुआ है.

शिंदे फ्लोर टेस्ट में हुए थे पास, विधानसभा अध्यक्ष पद बीजेपी के पास

3 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुई वोटिंग में बीजेपी के राहुल नार्वेरकर को जीत हासिल हुई थी. महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राहुल नार्वेरकर को 164 वोट मिले. जबकि महा विकास अघाड़ी को 107 वोट हासिल हुए थे.

वहीं, 4 जुलाई को सरकार के लिए हुए फ्लोर टेस्ट में भी एकनाथ शिंदे को बहुमत हासिल हुआ था. एनकाथ शिंदे फ्लोर टेस्ट में पास हो गए थे. शिंदे के पक्ष में 164 और विरोध में 99 वोट पड़े थे. कांग्रेस के 11 और NCP के 2 विधायकों ने वोट नहीं डाला था.

अभी किसके पास क्या स्थिति?

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