Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला: अजित पवार-पत्नी को क्लीन चीट, सत्ता के साथ केस में उलटफेर?

महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला: अजित पवार-पत्नी को क्लीन चीट, सत्ता के साथ केस में उलटफेर?

MSCB Scam: EOW ने कहा है कि बैंक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है और अब तक बैंक ने दिए गए कर्ज से 1,343.41 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Maharashtra State Cooperative Bank scam</p></div>
i

Maharashtra State Cooperative Bank scam

(Photo- Altered By Quint Hindi)

advertisement

Maharashtra State Cooperative Bank (MSCB) case: महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला हुआ ही नहीं! ऐसा हम नहीं, खुद मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) दावा कर रही है. इसके साथ महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और भतीजे रोहित पवार को क्लीन चीट मिल गयी है.

35 पेज की क्लोजर रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में दायर की गई थी. हालांकि मीडिया को इस रिपोर्ट के डिटेल्स 24 अप्रैल को मिले हैं. इस खबर के सामने आने के साथ विपक्ष एक बार फिर आरोप लगा रहा है कि बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर अजित पवार भी वाशिंग मशीन से गुजरे हैं और उसकी कृपा से पाक-साफ होकर बाहर निकले हैं.

जहां अजित और सुनेत्रा पवार एनसीपी (अजित पवार गुट) का हिस्सा हैं, वहीं रोहित पवार एनसीपी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का हिस्सा हैं. सुनेत्रा पवार बारामती से एनसीपी (एपी) पार्टी की लोकसभा उम्मीदवार भी हैं.

चलिए राजनीति आरोप-प्रत्यारोप से दूर आपको हम इस पूरे मामले की टाइमलाइन बताते हैं:

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, EOW ने क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि बैंक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है और अब तक बैंक ने दिए गए कर्ज से 1,343.41 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है.

क्या था यह मामला?

मामला 2019 का है जब बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश पर EOW ने केस दर्ज किया था.

EOW ने शुरुआत में आरोप लगाया था कि सतारा में जरांदेश्वर चीनी सहकारी कारखाना नाम की एक चीनी फैक्ट्री की बिक्री से संबंधित लेनदेन में पवार परिवार शामिल था. ईडी की जांच में दावा किया गया था कि सहकारी बैंकों से लोन लेने के बावजूद, वित्तीय स्थिति खराब होने के बाद फैक्ट्री को 2010 में गुरु कमोडिटी सर्विसेज लिमिटेड को 65 करोड़ रुपये में बेच दिया गया था.

ईडी ने आरोप लगाया कि कई बैंकों ने इस चीनी फैक्ट्री को लोन दिया था, जिसमें पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक भी शामिल था. इस बैंक में अजीत पवार 1995 से डायरेक्टर थे. गैर-निष्पादित संपत्ति यानी NPA बनने के बाद, इस फैक्ट्री को मार्केट प्राइस से बहुत कम कीमत पर बेच दिया गया. जिन कंपनियों को यह बेचा गया वो अजित पवार के रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनियां थीं.

अब जांच में आगे आरोप लगाया गया कि फैक्ट्री खरीदने के लिए खरीदार को पैसा दो अन्य कंपनियों ने दिया था:

  • जरांदेश्वर शुगर मिल्स (जेएसएम) प्राइवेट लिमिटेड

  • जय एग्रोटेक

अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा 2008 तक जय एग्रोटेक की डायरेक्टर थीं और उनके चाचा राजेंद्र घाडगे जेएसएम के डायरेक्टर थे.

लेकिन अब EOW ने अब दावा किया है कि सुनेत्रा जय एग्रोटेक से उस समय नहीं जुड़ी थीं जब चीनी फैक्ट्री को बेचा गया था. वह 1 अप्रैल 2004 से 18 जुलाई 2008 तक ही जय एग्रोटेक की डायरेक्टर थीं. साथ ही उसने कहा है कि फैक्ट्री की बिक्री औने-पौने दाम पर नहीं बल्कि रिजर्व प्राइस से 19 करोड़ रुपये ज्यादा में हुई थी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इसी तरह, EOW ने अब दावा किया है कि रोहित पवार की भी कोई भूमिका नहीं बताई जा सकती. कुछ महीने पहले रोहित पवार को ईडी ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था. कई समन के बाद, रोहित इस साल जनवरी में ईडी के सामने पेश हुए थे और ईडी के समन पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ऐसा कर रही है. फरवरी में रोहित पवार ने कहा था कि ईडी उनसे बार-बार एक ही तरह के सवाल पूछ रही है.

यदि EOW की यह क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली जाती है, तो इस मामले से जुड़ी ईडी की जांच भी प्रभावित होगी, जहां अब तक दो आरोपपत्र दायर किए गए हैं. अगर कोई अपराध ही नहीं हुआ हो तो ईडी अपना केस जारी नहीं रह सकती. अपराध हुआ या नहीं, यही EOW की जांच है.

महाराष्ट्र में सरकार बदलने के साथ बार-बार बदला मामला?

इस मामले में 2020 के बाद से कई उलटफेर देखने को मिले हैं.

2020 में, जब महा विकास अघाड़ी की सरकार सत्ता में थी, तब EOW ने कहा था कि इस मामले में कोई आपराधिक अपराध नहीं हुआ था. लेकिन जब बीजेपी-शिवसेना (एकनाथ) की सरकार सत्ता में आई तो अक्टूबर 2022 में एजेंसी ने कहा कि वह अपनी क्लोजर रिपोर्ट को किनारे रखकर फिर से जांच जारी रखना चाहती है.

जुलाई 2023 में अजित पवार ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और दोबारा उपमुख्यमंत्री बन गए. अब इसके महीनों बाद, जनवरी 2024 में EOW ने कहा कि कोई अपराध नहीं हुआ था. अदालत को अभी इस क्लोजर रिपोर्ट पर फैसला लेना है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT