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Mahua Moitra expelled from parliament: महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द हो गयी है. कैश फॉर क्वैरी केस में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गयी, जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया. महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने का प्रस्ताव लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया और इस प्रस्ताव के पारित होने से पहले ही विपक्ष ने वाकआउट कर दिया.
104 पन्नों की एथिक्स कमेटी रिपोर्ट की लंबाई का हवाला देते हुए, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया था कि वह सांसदों को रिपोर्ट को पढ़ने-समझने के लिए 3-4 दिन का समय दें.
महुआ को आज संसद में इस मामले पर बोलने की अनुमति नहीं दी गई, जिसका कुछ विपक्षी नेताओं ने विरोध किया और कहा कि उन्हें भी अपना विचार रखने की अनुमति दी जानी चाहिए.
रिपोर्ट पर चर्चा के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन के सामने प्रस्ताव रखा कि, "...यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए, उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है..."
इस प्रस्ताव को सदन ने स्वीकार कर लिया. इसके बाद लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.
टीएमसी सांसद के रूप में अपने निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा, "किसी भी तरह का कैश लेने या गिफ्ट लेने का कोई सबूत नहीं है.. एथिक्स कमेटी के पास निष्कासित करने का कोई अधिकार नहीं है...यह आपके (बीजेपी) अंत की शुरुआत है."
उन्होंने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा, "...अगर इस मोदी सरकार ने सोचा कि मुझे चुप कराकर वे अडानी मुद्दे से छुटकारा पा सकते हैं, तो मैं आपको यह बता दूं कि इस कंगारू अदालत ने पूरे भारत को केवल यह दिखाया है कि आपने कितनी जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है. इस्तेमाल से पता चलता है कि अडानी आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है. और आप एक महिला सांसद को हार मानने को मजबूर करने के लिए, उसे परेशान करने के लिए किस हद तक जा सकते हैं..."
महुआ ने यह भी कहा कि कल मुझे परेशान करने के लिए मेरे घर पर सीबीआई भेजी जाएगी.
संसद के बाहर महुआ मोइत्रा के पीछे चल रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्ष महुआ के साथ खड़ा है.
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