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संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पीएम मोदी पर अलवर में दिए गए बयान पर जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी के सांसद और मंत्रियों ने इस पर जमकर बवाल काटा. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने खड़गे की बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह का अभद्र भाषण देना सभी का अपमान है, इस सदन का और देश के मतदाताओं का अपमान है. उनके व्यवहार और भाषा दोनों की वो निंदा करते हैं और उनसे माफी की मांग करते हैं. इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि अगर वो माफी मांगेंगे तो ये (बीजेपी) दिक्कत में आ जाएंगे. दोनों तरफ से हंगामा देख सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए और कहा कि 135 करोड़ लोग हम पर हंस रहे हैं.
संसद में खड़गे के बायन पर गोयल ने कहा कि "आजादी के बाद गांधी जी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को समाप्त कर देना चाहिए और खड़गे उसका जीता-जागता प्रतीक हैं. और देश को दिखा रहे हैं कि शायद गांधी जी ने सत्य कहा था. वो देश को दिखा रहे हैं कि वो ऐसी पार्टी के अध्यक्ष हैं जिन्हें भाषण देने तक नहीं आता. खड़गे जब तक माफी नहीं मांगते हैं, उनको सदन में आने का कोई हक नहीं है."
इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि उन्होंने सदन के बाहर भाषण दिया था और वो अभी भी कह सकते हैं कि आजादी के वक्त स्वतंत्रता आंदोलन में उन लोगों का कोई रोल नहीं था. उन्होंने कहा कि उन्होंने "बाहर जो कहा अगर वो यहां पर बोल देंगे तो इन लोगों के लिए बड़ी दिक्क्त हो जाएगी. आजादी के वक्त माफी मांगने वाले लोग उन लोगों से माफी मांगने को कह रहे हैं जो आजादी के लिए लड़े हैं."
खड़गे ने कहा कि " अलवर में ये बात आई की देश में एकता के लिए कांग्रेस पार्टी जो यात्रा निकाल रही है और बीजेपी इसे भारत तोड़ो यात्रा कह रही है. तब मैंने यह कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा देश को जोड़ने की बात करती है. इसके लिए इंदिरा गांधी जी ने अपनी जान दी, राजीव गांधी जी ने अपनी जान दी. आप (बीजेपी) लोगों में किसने इस देश की एकता के लिए अपनी जान दी है. मैंने ये जो कहा क्या ये सच नहीं है."
इस पूरे हंगामे पर सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए. धनखड़ ने दोनों पक्षों को हंगामा न करने को कहा. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि 135 करोड़ जनता हम पर हंस रही है. 135 करोड़ जनता आज के दिन चिंतन कर रही है, क्या यह हमारा स्तर हो गया है कि हम एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते हैं. ऐसा हो सकता है कि कोई एक-दूसरे के विचारों से सहमत न हो. हो सकता है आवेश में कोई बात बाहर कही गई हो, हो सकता है बात निराधार हो, हो सकता है बात के ऊपर दो मत हों. इसका मतलब ये नहीं है कि कोई भी बोले तो दोनों ओर से अशांति फैलाई जाए. हम बच्चे नहीं हैं.
दरअसल, भारत जोड़ा यात्रा के दौरान सोमवार को खड़गे ने राजस्थान के अलवर में कांग्रेस पार्टी के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान की प्रशंसा करते हुए बीजेपी से पूछा था कि 'क्या आपका एक कुत्ता भी देश के लिए मरा था? इस दौरान खड़गे ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि वो संसद में चीन पर सीमा पर हुए संघर्ष पर बातचीत नहीं होने देना चाहती है. खड़गे ने अपने भाषण में आगे कहा था कि "बाहर शेर की तरह बात करते हैं लेकिन उनका जो चलना है वो चूहे के जैसा है. आपके घर में देश के लिए कोई कुत्ता भी मरा है?
राज्यसभा में मंगलवार को अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा के दौरान RJD सांसद मनोज कुमार झा ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि कौन से महापुरुष थे जिन्होंने डबल इंजन शब्द का इस्तेमाल किया. अगर ये इतनी डिजायरेबल चीज होती तो संविधान सभा की बैठकों में भी डबल इंजन बात हुई होती. लेकिन, आज डबल इंजन चल रहा और जहां भी सिंगल इंजन हो जा रहा वहां वो ट्रबल इंजन बना दे रहा है.
मनोज झा ने कहा कि मैं कल इंदौर से आते वक्त एयरपोर्ट पर देखा कि 'मदर ऑफ डेमोक्रेसी होस्ट G-20' देखा तो बहुत अच्छा लगा. ये सबके लिए गर्व का क्षण होना चाहिए. लेकिन, सर ये मां बीमार चल रही है. दुखी भी है और इसके दुखी होने का कारण भी है कि जिस मां के बच्चे किसान भी हैं और सरहद पर खड़े किसान भी हैं ना सरहद पर जवान महफूज है और ना किसान महफूज है. मां तो तभी प्रसन्न होगी जब उसके बच्चे प्रसन्न होंगे. ऐसा तो कभी नहीं होगा की बच्चे परेशान हैं और मां खुश है.
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