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पेट्रोल-डीजल पर जंग, TV डिबेट पर कार्रवाई की मांग...संसद में आज क्या-क्या हुआ?

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने दावा किया- दूसरे देशों के मुकाबले भारत में ईंधन के दामों में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है.

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गुरुवार, 15 दिसंबर को संसद में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों (Petrol Diesel Price) पर हंगामा देखने को मिला. सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट भी किया. प्रश्नकाल के दौरान एक सांसद के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ग्लोबल स्तर के मुकाबले भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में काफी कम बढ़ोतरी हुई है.

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इंटर्नेशनल मार्केट में पिछले दो साल में कच्चे तेल की कीमतों में 100 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इसकी तुलना में पिछले दो साल में भारत के अंदर पेट्रोल और डीजल के दामों में सिर्फ 18.95 प्रतिशत और 26.5 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई है.
हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय पट्रोलियम मंत्री

उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद भारतीय जनपा पार्टी और दूसरी पार्टियों द्वारा शासित राज्यो ने भी वैट की दरों को कटौती की है, जिससे आम जनता को राहत मिली है.

हरदीप सिंह पुरी ने दावा किया दूसरे देशों के मुकाबले भारत में ईधन के दामों में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है. पेट्रोलियम मंत्री ने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पेट्रोल डीजल के दामों में 144 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि भारत में इससे बहुद कम बढ़ोतरी हुई.

आम आदमी को पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत से राहत देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 2021-22 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क में दो बार कमी की.

“पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलगांना...राज्यों ने वैट दर नहीं घटाई”

हरदीप पुरी ने कहा कि केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क हटाए जाने के बाद पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलगांना, झारखंड, आंध्र प्रदेश और केरल की राज्य सरकारों ने जनता को राहत देने के लिए वैट की दरों में कोई कमी नहीं की. इसके कारण उन राज्यों में जनता को कम राहत मिली.

इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने लोकसभा में हंगामा हुआ और फिर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और टीआरएस के सांसदों के साथ कई अन्य पार्टियों के सांसदों ने भी विरोध में लोकसभा से वॉकआउट किया.

"बस चले तो अपने घर का नाम बदल दें"

जेडीयू सांसद मनोज झा ने नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक पर अपने विचार रखे. इस दौरान उन्होंने कानून मंत्री किरण रिजिजू की तारीफ की और साथ में बीजेपी सरकारों में नाम बदलने के चलन पर तंज भी कसा.

इस दौरान उन्होंने किरण रिजिजू से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं ये प्रार्थना करता हूं कि आप गेम चेंजर बनें क्योंकि नेम चेंजर वाले आपके यहां बहुत बड़ी तादाद में हैं. उनका बस चले तो सुबह उठकर अपने घर का नाम बदल दें, सड़क का नाम बदल दें.

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जब से आया हूं, तब से कोई भी कानून किसी के लिए बने तो उससे वकीलों की जिंदगी रोशन होती जा रही है, बाकी कहीं रोशनी हो या न हो...इसलिए हर दल में वकीलों की बड़ी पहुंच है, चाहे उधर या इधर.
मनोज झा, जेडीयू सांसद

न्यायपालिका की बेखुरी एक बहुत बड़ा मसला है, तब और ताज्जुब होता है जब दो दिन पहले न्यायपालिका कहती है कि भाई आपको प्रशासनिक सहयोग नहीं है इसलिए ये मध्यस्थता केंद्र चल नहीं रहे हैं. ये दोहरा चरित्र है.

"दुनिया के देश ग्लोबल वार्मिंग से पीड़ित"

“इस प्रकृति के पास हर इंसाना को देने के लिए बहुत कुछ है लेकिन किसी एक व्यक्ति की लालच को पूरा करने के लिए कुछ भी नहीं है.”

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इन लाइनों के साथ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने संसद में कहा कि विकास की अंधी दौड़ और पूरी दुनिया में टेक्नोलॉजी के नाम पर ग्रीन गैस का उत्सर्जन आज बहुत सारी प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रहा है. इसके भुक्तभोगी सिर्फ भारत देश ही नहीं है बल्कि यूरोप, अमेरिका और दुनिया के तमाम अपने आप को विकसित बताने वाले देश इस ग्लोबल वार्मिंग के कारण पीड़ित हैं. वो नजअंदाज कर रहे हैं और बार-बार सम्झौता करने के बाद भी इन समस्याओं को नहीं मान रहे हैं.

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“सत्ता के लोग बाढ़ और सूखे से उद्योग चला रहे हैं” 

संजय सिंह ने कहा कि स्वर्गीय राम मनोहर लोहिया के विचारों को लेकर अटल जी ने ‘नदी जोड़ो योजना’ की एक पहल शुरू की थी. ये एक सार्थक और बहुत ही अच्छी पहल थी, जिसमें पूरे देश की नदियों को जोड़ने की योजना थी. ये योजना किस ठंडे बस्ते में चली गई नहीं पता. वो एक ऐसी योजना थी, जिससे हम सूखे, बाढ़ जैसी कई आपदाओं से बच सकते थे.

सत्ता के लोगों का बाढ़ और सूखे के नाम पर उद्योग चल रहा है. इन समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए कोई पहल नहीं की जाती.
संजय सिंह, सांसद, आम आदमी पार्टी
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"रोड एक्सीडेंट में भारत पहले नंबर पर"

बीजेपी सांसद अनिल सुखदेवराव के सवाल पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जवाब देते हुए कहा कि ये बात सच है कि रोड एक्सीडेंट में रोड बनने के पहले भी एक्सीडेंट और उससे होने वाली मौतों में सबसे आगे हैं. इसके लिए हम एजुकेशन, ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग में सुधार जैसी लगातार कोशिश कर रहे हैं.

टीवी डिबेट पर कार्रवाई की मांग

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में कहा कि इस देश के अंदर न्यूज अब नॉइज में तब्दील होती जा रही है. देश के अधिकतर चैनल शाम पांच बजे के बाद रात 11 बजे तक एक भड़काऊ बहस करवाकर मानसिक प्रदूषण फैलाने का प्रयास करते हैं. इस पर उन्होंने केंद्रीय मंत्री के सामने सवाल रखा.

क्या उन भड़काऊ चैनलों और उन एंकरों के खिलाफ सरकार कोई योजना लाकर कार्रवाई कर रही है या नहीं...और अगर कर रही है तो क्या कर रही है?

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने राघव चड्ढा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट तौर पर नियम हैं, जिसमें तीन चरणों की प्रक्रिया है.

पहली अगर आपकी ऐसी कोई शिकायत है, तो जो चैनल इस तरह का प्रोग्राम करता है उसी के स्तर पर उसका निवारण होगा, उसके बाद जो एसोसिएशन है उसके स्तर पर होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो इंट्राडिपार्टमेंटल कमेटी के पास आएगा.

उन्होंने आगे कहा कि अभी तक जनता की ओर से ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है, जहां पर ऐसा कुछ लगता हो. अगर ऐसा कुछ है तो शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी.

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