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भगौड़ा विजय माल्या ने अदालत से अपने 13,000 करोड़ रुपए के एसेट और प्रॉपर्टी बेचने की मंजूरी मांगी है, ताकि वो बैंकों का बकाया चुका सके.
माल्या और उनकी यूनाइटेड ब्रेवरीज ने कर्नाटक की एक अदालत में 22 जून को एक अर्जी लगाई है कि बकायेदारों का पैसा चुकाने के लिए उन्हें अपनी संपत्ति बेचने की मंजूरी दी जाए. माल्या की तरफ से बयान जारी किया गया है कि वो बैंकों की रकम चुकाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
लंदन में बैठे विजय माल्या ने कहा है कि उस पर बैंकों के धोखाधड़ी के आरोप पूरी तरह झूठे हैं. माल्या ने पहली बार इस मुद्दे पर मुंह खोला है. शराब कारोबारी के मुताबिक, उसने बैंकों का कर्ज नहीं खाया, फिर भी वो पाई-पाई चुकाने को तैयार है, बशर्ते उसे मौका मिले.
माल्या के मुताबिक, उसे बैंक धोखाधड़ी का पोस्टर बॉय बना दिया गया, जिससे वो लोगों के दिमाग में विलेन बन गया है. लेकिन अब वो लोगों को बैंक धोखाधड़ी के आरोपों की हकीकत से रूबरू कराना चाहता है.
माल्या के मुताबिक, राजनेताओं और मीडिया, दोनों ने उस पर किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9,000 करोड़ रुपयों के लोन की चोरी करके विदेश भाग जाने का आरोप लगाया है. कर्ज देने वाले बैंकों ने तो 'विलफुल डिफॉल्टर' भी घोषित कर दिया है.
सबसे अहम बात है कि माल्या ने दावा किया है कि उस पर कर्ज की मूल रकम करीब 5000 करोड़ रुपए ही है, लेकिन मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर गलत रकम बताई जा रही है.
माल्या के मुताबिक, स्टेट बैंक समेत 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने किंगफिशर को 5500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था. इसके बदले में गिरवी रखे शेयर बेचकर 600 करोड़ रुपए बैंकों ने जुटा लिए, जबकि 2013 से 1280 करोड़ रुपए कर्नाटक हाईकोर्ट के पास जमा करा दिया गया है.
माल्या का कहना है कि उसने कर्ज चुकाने की पूरी कोशिश की है. उसने कहा:
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