advertisement
Manipur Election: भारत के चुनाव आयोग ने सोमवार, 22 अप्रैल को इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र (Manipur Violence) के 11 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया. मतदान के दिन (19 अप्रैल, लोकसभा 2024 चुनाव का पहला चरण) बूथ कैप्चरिंग, बंदूक हिंसा, बर्बरता, हिंसा और पोलिंग एजेंटों को धमकाने जैसे मामले सामने आए.
प्रत्यक्षदर्शियों ने मतदान के दिन हुई हिंसा के लिए विवादास्पद मैतेई नेशनलिस्ट ग्रुप अरामबाई तेंगगोल को जिम्मेदार ठहराया. हालांकि, अरामबाई तेंगगोल ने भी नीचे दी गई ईसीआई सूची के अधिकांश मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान की मांग की.
और यहां अरामबाई तेंगगोल का बयान है, जिसमें बामोन कंपू, इरोइसेम्बा और खोंगमान जोन 4 में पुनर्मतदान की मांग की गई है.
ध्यान दें कि ये बामन कंपू में चार मतदान केंद्रों, इरोइसेम्बा में तीन मतदान केंद्रों और खोंगमान जोन V में एक मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने के ईसीआई निर्देश के अनुरूप कैसे हैं.
सूची में दर्ज मतदान केंद्रों में से, मोइरांग कम्पु साहेब और खोंगमान जोन V (नेशनल चिल्ड्रन स्कूल) के बूथ पर मतदान के दिन द क्विंट मतदाताओं से बात करने के लिए वहां मौजूद था.
खोंगमान जोन V में, दो लोगों को चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर्स से "फिर से मतदान कराने" के लिए कहते देखा गया. हालांकि, लोगों ने कैमरे के सामने आकर बात करने से इनकार कर दिया.
हालांकि, लोगों द्वारा दोबारा मतदान की मांग के बाद खोंगमान जोन V में मतदान देर शाम तक हुआ. सूत्रों ने द क्विंट को बताया कि निर्वाचन क्षेत्र के विधायक थोंगम बिस्वजीत सिंह ने शाम के मतदान की निगरानी की.
खोंगमान जोन V के बगल में, खोंगमान जोन IV में, एक बुजुर्ग महिला ने द क्विंट से बातचीत में आरोप लगाया कि वह मतदान के लिए कतार में थी और जब वह वोट डालने गई, तो उसे पता चला कि उसके पूरे परिवार का वोट पहले ही डाला जा चुका था.
उन्होंने बताया...
इंफाल पूर्व के मोइरंगकम्पु मयई लीकाई में मतदान केंद्र पर गोलीबारी की घटना में घायल हो गए, जिनकी पहचान 65 साल के खोइसनाम सनायिमा के रूप में हुई. उनका इलाज राज मेडिसिटी हॉस्पिटल में चल रहा है. इस घटना को लेकर अरामबाई तेंगगोल पर फिर से उंगलियां उठाई गईं हैं.
इस मतदान केंद्र पर गोलीबारी और बूथ कैप्चरिंग के विरोध में गुस्साए मतदाताओं ने बूथ पर ईवीएम जला दी. क्विंट ने गोलीबारी की जगह पर दो गोलियों के छर्रे भी देखे.
अरामबाई तेंगगोल ने मतदान के दिन की हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष के मेघचंद्र ने पहले कहा था कि पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत कर आंतरिक मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के 36 और बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र के 11 यानी कुल 47 मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने की मांग की है.
बता दें कि लगभग एक साल से मणिपुर जातीय हिंसा से जूझ रहा है. सैकड़ों लोग मारे गए हैं, और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं, उनका भविष्य अभी भी अनिश्चित है.
चूंकि मणिपुर में 19 अप्रैल से दो लोकसभा सीटों के लिए मतदान शुरू हो रहा है, और 3 मई 2024 को हिंसा का एक साल पूरा होनेवाला है,
क्विंट फैक्ट्स, अनकही कहानियों और सच्चाई की तलाश में ग्राउंड जीरो पर वापस जा रहा है. जैसे ही हम फिर से ग्राउंड में उतरे हैं, हम आपसे सुनना चाहेंगे कि आपको क्या लगता है कि हमें मणिपुर से अपनी रिपोर्टों में क्या शामिल करना चाहिए और क्या जांच करनी चाहिए. हमें अपने सुझाव भेजें - और हम उन्हें शामिल करने की पूरी कोशिश करेंगे. संघर्षग्रस्त क्षेत्र से रिपोर्टिंग में शामिल जोखिमों के अलावा, ऐसी रिपोर्टों के लिए समय और संसाधन दोनों की आवश्यकता होती है. आपका समर्थन हमें हमारे प्रयास में मदद करता है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)