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मणिपुर के पत्रकार को पीएम नरेंद्र मोदी और चीफ मिनिस्टर एन बीरेन सिंह की आलोचना करने पर हिरासत में ले लिया गया है. एक महीने पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम यह कहते हुए दिख रहे हैं कि एन बीरेन सिंह पीएम मोदी और आरएसएस की कठपुतली हैं. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक किशोरचंद्र वांगखेम को हिरासत में ले लिया गया है और उन्हें एनएसए के तहत एक साल तक हिरासत में रखा जाएगा.
पिछले दिनों फेसबुक पर अपलोड हुए एक वीडियो में वांगखेम में कथित तौर पर यह कहते देखा जा रहा है कि वह मौजूदा मणिपुर सरकार झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मना रही है. जबकि रानी झांसी की बहादुरी का मणिपुर से कोई लेना-देना नहीं है. दरअसल बीरेन एम सिंह सरकार केंद्र की कठपुतली है. उसे बीजेपी नेतृत्व ने रानी झांसी की जयंती मनाने के लिए कहा था इसलिए वह यहां यह जयंती मना रही है. वीडियो क्लिप में वह कथित तौर पर सरकार से कह रहे हैं कि अगर हिम्मत है तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाएं.
इस वीडियो के सामने आने के बाद 27 नवंबर वांगखेम को हिरासत में ले लिया गया. वांगखेम को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है. वांगखेम एक स्थानीय न्यूज चैनल ISTV से जु़ड़े थे. इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें हिरासत में लेने की निंदा की है. हालांकि ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन से लगभग ना के बराबर समर्थन मिल रहा है.
मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन ने कहा है कि यह रैंट वीडियो है. यह खराब पत्रकारिता वांगखेम को हिरासत में लेने के खिलाफ उनका परिवार अब अदालत जाने की तैयारी कर रहा है. उनका कहना है कि पत्रकार के खिलाफ ज्यादती हो रही है.
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