Home News India मन की बात | कोरोना पर बोले PM मोदी-आगे और धैर्य रखने की जरूरत है
मन की बात | कोरोना पर बोले PM मोदी-आगे और धैर्य रखने की जरूरत है
कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भारत में 979 हो चुकी है.
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भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
(फोटोः Narendramodi.in)
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प्रधानमंत्री मोदी मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित कर रहे हैं. 21 दिन के लॉकडॉउन की घोषणा के बाद यह पहला कार्यक्रम है. इसमें प्रधानमंत्री कोरोना वायरस और इसके संक्रमण पर बात कर रहे हैं.
बता दें भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 979 पहुंच चुकी है. इनमें से 25 की मौत हो चुकी है. 86 लोग ठीक भी हो चुके हैं. पूरे देश में फिलहाल 867 एक्टिव केस हैं.
क्षमा मांगता हूं. कुछ ऐसे निर्णय लेने पड़े हैं, जिससे कठिनाइयां आई हैं, गरीब भाई-बहनों को लगता होगा कैसे पीएम हैं. उनसे विशेष माफी मांगता हूं. दिक्कतें समझता हूंं. भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश में ये कदम उठाए बिना कोई रास्ता नहीं है. जीवन और मृत्यु के बाच की लड़ाई में हमें जीतना है. कठोर कदम आवश्यक थे. यही एक रास्ता बचा है. असुविधा के लिए क्षमा मागंता हूं.
प्रधानमंत्री मोदी
कुछ लोग मामले की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं: मोदी
जो लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं, वो खुद के बचाव के लिए कर रहे हैं, आने वाले कई हफ्तों तक इसी तरह धैर्य दिखाना होगा, कोई कानून नहीं तोड़ना चाहता, लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं,.क्योंकि अब भी लोग स्थिति की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं
प्रधानमंत्री मोदी
कोरोना से ठीक हो चुके शख्स से पीएम ने की बात
‘मन की बात’ में पीएम ने एक कोरोना संक्रमित श्री रामगंपा तेजा से बात की, जो अब ठीक हो चुके हैं. श्रीरामगंपा तेजा नाम के इस शख्स ने अपना अनुभव बताते हुए कहा,
‘शुरू में डर लगा लेकिन देखभाल से ठीक हो गया’‘क्वारन्टीन से डरने की जरूरत नहीं’
श्री रामगंपा तेजा, आईटी प्रोफेशनल
संक्रमण के शुरुआती पीड़ित परिवार से पीएम की बातचीत
प्रधानमंत्री ने कोरोना को हराने वाले आगरा के अशोक कपूर से भी बात की. अशोक के दो बेटे और दामाद इटली गए थे. दामाद में लक्षण दिखे थे, जिसके बाद उनके दोनों बेटों का भी टेस्ट हुआ था. फिर परिवार को भी बुलाया गया. आखिर में पता चला कि परिवार के 6 सदस्यों को संक्रमण है. लेकिन इलाज के बाद सब लोग ठीक हो गए.
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डॉक्टरों ने रखा दया और सेवा भाव: प्रधानमंत्री मोदी
आज जब मैं डॉक्टरों का त्याग, तपस्या, समर्पण देख रहा हूं. तो मुझे आचार्य चरक की कही हुई बात याद आती है. चरक ने कहा था, ‘’ धन और किसी खास कामना को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की सेवा के लिए, दया भाव रखकर कार्य करता है. वो सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इस बीच प्रधानमंत्री ने अलग-अलग संस्थानों के डॉक्टरों से बात भी की. इनमें दिल्ली से नीतेश गुप्ता और पुणे से डॉक्टर बोडसे शामिल हैं. इस दौरान डॉक्टरों ने वो बातें बताईं, जिनकी सलाह वे लोगों को दे रहै हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने किया नर्सों का अभिवादन
पूरा विश्व इस साल को इंटरनेशनल नर्स और मिडवाइफ के तौर पर मना रहा है. इसका संबंध फ्लोरेंस नाइटेंगल से है, जिन्होंने नर्सिंग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया. कोरोना पूरे नर्सिंग समुदाय के लिए परीक्षा की घड़ी है. मैं तमाम नर्सों को अभिवादन करता हूं. आपके चलते ही हम यह लड़ाई लड़ पा रहे हैं. ऐसे साथियों के लिए 50 लाख रुपये तक के बीमा की घोषणा सरकार ने की है.
प्रधानमंत्री मोदी
बैंकों और ई कॉमर्स के लोग भी जनसेवा में जुुड़े हुए हैं- प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने डिजिटल काम करने वाले और ई-कॉमर्स और बैंकिंग से जुड़े लोगों की जनसेवा के लिए तारीफ की. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों की वजह से आम जनजीवन सुचारू चल रहा है.
क्वारंटाइन या संक्रमित लोगों से बुरा व्यवहार न करें- पीएम मोदी
‘कुछ लोग क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों के साथ बुरा व्यवहार कर रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. यह लोग संभावित संक्रमण के शिकार हो सकते हैं. इसलिए वे ज्यादा सावधानी बरत रहे हैं. उनसे सहानुभूति के साथ पेश आना चाहिए.’ इसी बात के साथ पीएम ने कहा कि ‘सोशल डिस्टेंस बढ़ाइए, इमोशनल डिस्टेंस घटाएं.’
प्रधानमंत्री मोदी
कोई गरीब, कहीं भूखा नजर आता है, तो उसकी मदद करें: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से गरीबों की मदद करने के लिए कहा. पीएम ने कहा, ‘कोरोना को रोकने के लिए भारत के प्रयास अभूतपूर्व हैं. सबका संयम ही हमें इस मुश्किल से मुक्ति दिलाएगा. लोग पहले यह सुनिश्चित करें कि कोई गरीब भूखा तो नहीं है. अपनी जरूरतों से पहले, उनकी जरूरतें पूरी की जाएं.’
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