Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मराठा आरक्षण आंदोलन: जारांगे पाटिल का झुकने से इनकार, मुंबई पहुंचा पैदल मार्च

मराठा आरक्षण आंदोलन: जारांगे पाटिल का झुकने से इनकार, मुंबई पहुंचा पैदल मार्च

मराठा आरक्षण के नेता, मनोज जरांगे पाटिल शुक्रवार, 26 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने वाले हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>जारांगे पाटिल का झुकने से इनकार, मुंबई पहुंचा&nbsp; मराठा आरक्षण आंदोलन </p></div>
i

जारांगे पाटिल का झुकने से इनकार, मुंबई पहुंचा  मराठा आरक्षण आंदोलन

(फोटो- पीटीआई)

advertisement

मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर मनोज जरांगे पाटिल के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मुंबई के आजाद मैदान में इकट्ठा होने लगे हैं. मराठा आरक्षण के नेता, पाटिल शुक्रवार, 26 जनवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने वाले हैं. पाटिल के नेतृत्व में मराठा समुदाय ओबीसी कैटेगरी में शामिल किए जाने की मांग कर रहा है.

मनोज जरांगे ने 20 जनवरी को जालना से मुंबई तक की पदयात्रा निकाली थी. यात्रा शुक्रवार को नवी मुंबई पहुंच गई है.

मनोज जरांगे पाटिल को मनाने में अधिकारी असफल

सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे के नेतृत्व में सरकारी अधिकारियों की एक टीम पहले जारांगे-पाटिल को मुंबई में प्रवेश करने के पहले मनाने के लिए आजाद मैदान से लगभग 30 किमी दूर वाशी पहुंची. लेकिन उनके मार्च जारी रखने और भूख हड़ताल पर बैठने से रोकने के सभी प्रयास अब तक विफल रहे हैं.

जारांगे-पाटिल ने 20 जनवरी को यह कहते हुए मार्च शुरू किया कि जब तक राज्य सरकार बड़े पैमाने पर कृषि पर निर्भर समुदाय के लिए आरक्षण की घोषणा नहीं करती, तब तक वह आमरण अनशन पर बैठे रहेंगे. पिछले सप्ताह में हजारों लोग उनके साथ पदयात्रा से जुड़े हैं.

पुलिस ने आजाद मैदान तक मार्च ले जाने की अनुमति खारिज कर दी है. मार्च को ईस्टर्न फ्रीवे और पी डी'मेलो रोड के माध्यम से शहर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई बड़ा ट्रैफिक जाम न हो.

"महाराष्ट्र के इतिहास का सबसे बड़ा विरोध"- जारांगे

आयोजकों ने गुरुवार को समुदाय के सदस्यों से मुंबई में प्रवेश करने से पहले वाशी में मार्च में शामिल होने के लिए कहा. उन्होंने दावा किया कि दस लाख से अधिक लोग मार्च का हिस्सा थे.

औरंगाबाद के संभागीय आयुक्त मधुकर राजे अरदाद ने गुरुवार को लोनावाला में जारांगे-पाटिल से मुलाकात की और उन्हें उनकी मांग को पूरा करने के लिए अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. अरदाद ने विरोध प्रदर्शन को मुंबई ले जाने के खिलाफ जारांगे-पाटिल को मनाने की कोशिश की.

जारांगे-पाटिल ने सभी मराठों को कुनबी उप-जाति प्रमाण पत्र देकर ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग करते हुए मार्च का नेतृत्व जारी रखने की कसम खाई. कुनबियों को ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में कोटा प्राप्त है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आंदोलन की टाइमलाइन

राज्य सरकार ने दशकों पुरानी मराठा मांग को मानते हुए विरोध प्रदर्शन के बाद 2018 में समुदाय को 16% आरक्षण दिया था.

मराठों को 16 प्रतिशत आरक्षण को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट ने सरकार को आरक्षण को 16 प्रतिशत के बजाय 12-13 प्रतिशत करने का निर्देश दिया, जिसका 2018 में महाराष्ट्र विधानमंडल ने सर्वसम्मति से पालन किया.

बाद में, इस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसने 5 मई 2021 को अपने फैसले में 50 फीसद की सीमा के चलते आरक्षण को खारिज कर दिया.

1 सितंबर 2023 को जालना में पाटिल के अनशन स्थल पर पुलिस लाठीचार्ज ने मराठों के ओबीसी दर्जे के लिए आंदोलन को और भड़का दिया.

शिंदे ने बाद में घोषणा की कि मध्य महाराष्ट्र के मराठों को ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा मिल सकता है यदि वे उन्हें कुनबी के रूप में वर्गीकृत करने वाले प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते हैं.

राज्य सरकार ने सितंबर में आरक्षण के तौर-तरीकों का पता लगाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व वाली समिति नियुक्त की. कुनबी और अन्य ओबीसी समूहों की चिंताओं के बीच मराठा समूहों ने जोर देकर कहा कि वे बिना किसी शर्त के आरक्षण चाहते हैं.

राज्य सरकार को 57 लाख कुनबी प्रमाणपत्र मिले हैं. जारांगे-पाटिल ने जोर देकर कहा है कि सभी मराठा कुनबी हैं और उन्हें ओबीसी कोटा के तहत कोटा मिलना चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT