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भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सत्ताधारी NDA गठबंधन के बाद अब विपक्ष ने भी उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. एनसीपी के सुप्रीमों शरद पवार ने बताया है कि विपक्ष ने पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva Profile) को अपना उम्मीदवार बनाया है. इससे पहले शनिवार, 16 जुलाई को NDA ने बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. आइये जानते हैं विपक्ष की 80 वर्षीय उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा की कहानी.
14 अप्रेल 1942 को कर्नाटक के मैंगलोर में जन्मीं मार्गरेट अल्वा के पिता का नाम पी.ए. नाजरेथ और मां का नाम ई.एल. नाजरेथ था. उन्होंने अपने बी.ए., बी.एल., मानद डाॅक्टरेट, एम.टी. कारमेल काॅलेज तथा राजकीय विधि महाविद्यालय बैंगलुरु (पूर्व नाम बंगलौर) कर्नाटक से शिक्षा प्राप्त की.
मार्गरेट अल्वा 1974 से लगातार चार बार 6-6 वर्ष की अवधि के लिए राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुईं. इसके बाद 1999 में वो लोक सभा के लिए निर्वाचित हुईं.
1991 में कार्मिक, पेंशन, जन परिवेदना तथा प्रशासनिक सुधार (प्रधानमंत्री से सम्बद्ध) की केंद्रीय राज्य मंत्री बनायी गईं. कुछ समय के लिए उन्होंने विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री के रूप में सेवाएं दीं.
मार्गरेट अल्वा 1986 में यूनिसेफ द्वारा दक्षिण एशिया के बच्चों पर हुई प्रथम कांफ्रेंस तथा महिला विकास पर हुई सार्क देशों की मंत्री स्तर की बैठक की सभापति निर्वाचित हुईं.
1989 में भारत सरकार ने महिलाओं के विकास की विस्तृत रणनीति की भावी योजना का मसौदा तैयार करने के मूल समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया गया.
1986 में शांति के लिए विश्व महिला सांसदों के प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष बनीं
ऐतिहासिक ‘रीगन-गोर्बोचोव समिट‘ की वांशिगटन बैठक के प्रतिनिधिमंडल की सदस्य रही हैं
1992 में दक्षिण कोरिया की राजधानी सिओल में महिलाओं पर की जाने वाली हिंसा के विरुद्ध बैठक में ESCAPE का अध्यक्ष चुना गया
1994 में ESCAPE के द्वारा बैंकाक में आयोजित बैठक में प्रख्यात व्यक्तित्व के रूप में आमंत्रित किया गया
1976 में संयुक्त राष्ट्र की साधारण सभा में राष्ट्रीय प्रतिनिधिमण्डल की सदस्य रहीं
1997 में अन्तरराष्ट्रीय विकास समिति (रोम) के संचालन परिषद कार्यकारणी मेें तीन वर्ष तक निर्वाचित सदस्य रहीं.
संयुक्त राष्ट्र में महिलाओं की प्रास्थिति पर बने आयोग की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व किया
1999 में यूनिसेफ द्वारा बाल अधिकारों की संहिता के मसौदे को तैयार करने के लिए बनाए गए विशेषज्ञ समूह में सेवाएं दी हैं
बालश्रम की राष्ट्रीय समिति तथा नेशनल चिल्ड्रन बोर्ड की उप-सभापति रही हैं.
मार्गरेट अल्वा ने आगे गोवा की 17वीं राज्यपाल, गुजरात की 23वीं राज्यपाल, राजस्थान की 20वीं राज्यपाल और अगस्त 2014 में अपने कार्यकाल के अंत तक उत्तराखंड की चौथी राज्यपाल के रूप में सेवा दीं. अब विपक्ष ने उन्हें उप-राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है.
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