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Jagdeep Dhankhar: वकील से राज्यपाल और फिर उप-राष्ट्रपति बनने तक का सफर

Jagdeep Dhankhar ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 346 वोटों से हराया था.

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जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने देश के 14वें उपराष्ट्रपति (Vice President of India) के रूप में शपथ ले ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने नव-निर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. उपराष्ट्रपति चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट (Margaret Alva) अल्वा को हराया था. आइये नजर डालते हैं 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ के राजनीतिक सफर पर.

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प्रारंभिक जीवन 

राजस्थान के जिला झुंझुनू के गांव किठाना में गोकल चंद और केसरी देवी के घर 18 मई 1951 को जन्मे थे जगदीप धनखड़. उनकी प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा 1 से 5 तक) किठाना गांव के ही सरकारी प्राथमिक विद्यालय में हुई थी. इसके बाद कक्षा 6 के लिए उन्होंने घर से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरकारी मिडिल स्कूल, घरधाना में एडमिशन लिया और गांव के दूसरे बच्चों की तरह ही वो स्कूल पैदल जाते थे.

हालांकि 1962 में सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ के एंट्रेंस टेस्ट में सफलतापूर्वक पास होने के बाद उन्होंने उस स्कूल की पांचवी क्लास में 100% स्कॉलरशिप पर एडमिशन लिया. उनके बड़े भाई कुलदीप धनखड़ ने भी उसी स्कूल में एडमिशन लिया. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा देने के बाद जगदीप धनखड़ सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से पास होकर निकले.

कॉलेज जीवन 

सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से निकलने के बाद जगदीप धनखड़ ने 3 साल के BSc (ऑनर्स) फिजिक्स कोर्स में राजस्थान यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड महाराजा कॉलेज, जयपुर में एडमिशन लिया और वहां से ग्रेजुएशन पूरा किया.

इसके बाद उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी में LLB कोर्स में एडमिशन लिया और वर्ष 1978-1979 में पास हुए. पढ़ने में मेधावी जगदीप धनखड़ स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी- हर जगह डिस्टिंक्शन से पास हुए.

वकालत से राज्यपाल बनने तक का सफर

जगदीप धनखड़ 10 नवंबर 1979 को राजस्थान बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में रजिस्टर्ड हो गए. इसी साल उन्होंने सुदेश धनखड़ जी से विवाह किया. यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा 27 मार्च 1990 को सीनियर एडवोकेट बनाए जाने से लेकर 30 जुलाई 2019 को राज्यपाल के पद की शपथ लेने तक वह राजस्थान के सबसे नामी सीनियर एडवोकेट थे.

जगदीप धनखड़ साल 1987 में सबसे कम उम्र में राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष चुने गए थे. वो एक साथ बाद साल 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के सदस्य भी निर्वाचित हो गए.

फिर उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की. साल 1989 में जब 9वीं लोकसभा के चुनाव हुए तो वो जनता दल के टिकट पर झुंझुनू संसदीय क्षेत्र से जीतकर संसद पहुंचे. 1990 में केंद्रीय मंत्री भी बनाए गए.

इसके बाद साल 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से राजस्थान विधान सभा के लिए चुने गए. धनकड़ ने इसके बाद कांग्रेस का हाथ थाम लिया. मगर लोकसभा में मिली हार के बाद 2003 में वो बीजेपी में शामिल हो गए.

भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 के तहत 20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया. कोलकाता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थोट्टाथिल बी. नायर राधाकृष्णन ने 30 जुलाई, 2019 को उन्हें राज्यपाल पद की शपथ दिलाई.

बीजेपी ने 16 जुलाई 2022 को उन्हें देश के अगले उप-राष्ट्रपति के चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है. 08 अगस्त को उप-राष्ट्रपति के लिए वोटिंग हुई और नतीजे आने के बाद देश को उप-राष्ट्रपति के रूप में जगदीप धनखड़ मिले, जगदीप धनखड़ ने ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हरा दिया है.जगदीप धनखड़ को 528 वोट और मार्गरेट अल्वा को 182 वोट मिले. जबकि 15 वोट अवैध पाए गए.

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