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पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत याचिका खारिज, हाथरस जाते हुई थी गिरफ्तारी

केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन पर UAPA और राजद्रोह जैसे कानूनों के तहत मामला दर्ज

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>Siddique Kappan| जर्नलिस्ट सिद्दीकी कप्पन</p></div>
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Siddique Kappan| जर्नलिस्ट सिद्दीकी कप्पन

(फोटो: Twitter/Altered By Quint)

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UAPA और राजद्रोह जैसे सख्त कानूनों के तहत गिरफ्तार हुए केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन (Siddique Kappan) की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है. कप्पन ने मथुरा कोर्ट में जमानत की याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. कप्पन ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि बिना किसी सबूत के उनके खिलाफ केस दर्ज किए गए.

हाथरस जाते हुए पुलिस ने किया था गिरफ्तार

बता दें कि सिद्दीकी कप्पन को हाथरस जाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. हाथरस में एक युवती के साथ हुई क्रूरता के बाद उसकी मौत हो गई थी. जिसे लेकर जमकर बवाल हुआ था. इसी दौरान जब सिद्दीकी कप्पन युवती के परिवार से मिलने हाथरस की तरफ जा रहे थे तो यूपी पुलिस ने उनके साथियों के साथ उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सिद्दीकी पिछले साल अक्टूबर से जेल में बंद हैं.

भले ही मथुरा कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने से इनकार कर दिया है, लेकिन कुछ दिन पहले इसी कोर्ट ने कप्पन और उनके साथियों पर लगे शांति भंग करने के आरोपों को रद्द कर दिया था. क्योंकि पुलिस 6 महीने के भीतर उनके खिलाफ जांच पूरी करने में नाकाम रही. कप्पन के साथ मसूद अहमद, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम को भी इन आरोपों से मुक्त किया गया.
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कप्पन की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस की आलोचना

सिद्दीकी कप्पन की गिरफ्तारी के बाद से ही उनके पक्ष में तमाम लोग सोशल मीडिया पर आवाज उठाते आए हैं. उनका कहना है कि यूपी पुलिस ने पत्रकार को झूठे आरोप में फंसाया है. इस मामले को लेकर लगातार यूपी पुलिस की आलोचना हो रही है. यूपी पुलिस ने कप्पन पर चरमपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के साथ संबंध होने के भी आरोप लगाए गए थे. इसके अलावा उनके खिलाफ आतंकवाद रोधी यूएपीए और राजद्रोह जैसे कानूनों के तहत मुकदमे दर्ज किए गए.

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