Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मथुरा इमामबाड़ा में मूर्ति बिठाने की क्यों हो रही बात? 70 साल की पूरी कहानी

मथुरा इमामबाड़ा में मूर्ति बिठाने की क्यों हो रही बात? 70 साल की पूरी कहानी

श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा समिति और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच समझौता को अवैध करार देकर याचिका दायर की गई थी.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>मथुरा: मस्जिद में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने की धमकी के बाद धारा 144 लागू</p></div>
i

मथुरा: मस्जिद में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करने की धमकी के बाद धारा 144 लागू

(फोटो- अलटर्ड बाई क्विंट)

advertisement

6 दिसंबर को हर साल कई हिंदूवादी संगठन शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं. सालों से अयोध्या में जो संवेदनशीलता बनी थी वो अब उत्तर प्रदेश के मथुरा में बनी है. जिला प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कर्फ्यू लगा दिया है और ईदगाह मस्जिद के आसपास पुलिस और RAF के जवान तैनात किए गए हैं. वजह है अखिल भारतीय हिंदू महासभा की घोषणा जिसके मुताबिक, शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर कृष्ण की मूर्ति को स्थापित कर जलाभिषेक करना है. हिंदू महासभा की इस धमकी के बाद मथुरा हाई अलर्ट पर है.

शहर को जोड़ने वाले हर नेशनल और स्टेट हाइवे पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी है. मंदिर और मस्जिद के रास्ते पर पुलिस की तैनाती है. मंदिर या मस्जिद में जाने वाले लोगों को अपने आई कार्ड दिखाने होंगे. साथ ही पुलिस सीसीटीवी और ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है.

लेकिन कृष्ण जन्मभूमि को लेकर क्या विवाद है, इसमें शाही ईदगाह मस्जिद की बात क्यों हो रही है?

कई हिंदूवादी संगठन ये मांग अक्सर उठाते हैं कि मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटा देना चाहिए, क्योंकि वो कृष्ण जन्मभूमि के परिसर में बनी है.

मथुरा शिविर न्यायालय में इसको लेकर एक याचिका भी दाखिल की गई, कई साल पहले श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा समिति और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच एक समझौता हुआ था. इस समझौते को एडवोकेट विष्णु शंकर ने अवैध करार देते हुए 25 दिसंबर 2020 में मथुरा के न्यायालय में एक याचिका दायर की.

एडवोकेट ने इस समझौते को अवैध करार देते हुए हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाला बताया ईदगाह को हटाने की मांग की. उनका आरोप है कि शाही ईदगाह मस्जिद को जबरदस्ती मंदिर परिसर में स्थापित किया गया है. उनका मानना है कि श्री कृष्ण की जन्म स्थली उसी जगह पर स्थित है जहां पर शाही ईदगाह का निर्माण किया गया है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

याचिका में यहां तक दावा किया गया कि मुगल शासक औरंगजेब ने 1669 भगवान के भव्य मंदिर को तोड़ने का काम किया था और वहां पर ईदगाह का निर्माण करवाया था. इस दौरान मंदिर का सोना भी लूटा गया था.

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा समिति और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच क्या समझौता हुआ था?

साल 1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट अस्तित्व में आया जिसके बाद फैसला लिया गया कि शाही ईदगाह मस्जिद की जगह मंदिर का निर्माण होना चाहिए जिसका ट्रस्ट प्रबंधन करेगा. इसके बाद 1958 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ नाम की संस्था का गठन हुआ. जिसने 1964 में जमीन पर नियंत्रण के लिए केस दाखिल किया.

साल 1968 में मुस्लिम पक्ष के साथ इस ट्रस्ट का समझौता हुआ. समझौते के तहत मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और मुस्लिम पक्ष को बदले में पास में ही कुछ जगह दे दी गई.

1991 में लाया गया कानून क्या कहता है?

1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पास किया था. इसके तहत आजादी दिवस यानी 15 अगस्त 1947 के बाद से जो धार्मिक स्थल जहां पर है, उसे दूसरे धर्म के स्थल में तब्दील नहीं किया जा सकता. हालांकि राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद को इस एक्ट के दायरे से बाहर रखा गया था. क्योंकि ये विवाद इस एक्ट के पहले ही कोर्ट पहुंच चुका था. इस एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, तर्क ये दिया गया कि यह एक्ट असंवैधानिक है.

फिलहाल मामला कोर्ट में है और तनातनी मथुरा की जमीन पर बरकरार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT